एक पादप साल का, जिसका अस्तित्व नही मिटा पाई, कभी भी,समय की आंधी । ऐसा था, हमारा राष्ट्र-पिता,महात्मा गान्धी ।। कितना है कमजोर, सेमल के पेड़ सा- आज का नेता । जो किसी को,कुछ नही देता ।। दिया सलाई का- मजबूत बक्सा, सेंमल द्वारा निर्मित,एक भवन । माचिस दिखाओ,और कर लो हवन । आग ही तो लगानी है, चाहे-तन, मन, धन हो या वतन।। यह बहुत मोटा, ताजा है, परन्तु, सूखे साल रूपी,गांधी की तरह बलिष्ट नही, इसे तो गांधी की सन्तान कहते हुए भी- .........................।। |
"उच्चारण" 1996 से समाचारपत्र पंजीयक, भारत सरकार नई-दिल्ली द्वारा पंजीकृत है। यहाँ प्रकाशित किसी भी सामग्री को ब्लॉग स्वामी की अनुमति के बिना किसी भी रूप में प्रयोग करना© कॉपीराइट एक्ट का उलंघन माना जायेगा। मित्रों! आपको जानकर हर्ष होगा कि आप सभी काव्यमनीषियों के लिए छन्दविधा को सीखने और सिखाने के लिए हमने सृजन मंच ऑनलाइन का एक छोटा सा प्रयास किया है। कृपया इस मंच में योगदान करने के लिएRoopchandrashastri@gmail.com पर मेल भेज कर कृतार्थ करें। रूप में आमन्त्रित कर दिया जायेगा। सादर...! और हाँ..एक खुशखबरी और है...आप सबके लिए “आपका ब्लॉग” तैयार है। यहाँ आप अपनी किसी भी विधा की कृति (जैसे- अकविता, संस्मरण, मुक्तक, छन्दबद्धरचना, गीत, ग़ज़ल, शालीनचित्र, यात्रासंस्मरण आदि प्रकाशित कर सकते हैं। बस आपको मुझे मेरे ई-मेल roopchandrashastri@gmail.com पर एक मेल करना होगा। मैं आपको “आपका ब्लॉग” पर लेखक के रूप में आमन्त्रित कर दूँगा। आप मेल स्वीकार कीजिए और अपनी अकविता, संस्मरण, मुक्तक, छन्दबद्धरचना, गीत, ग़ज़ल, शालीनचित्र, यात्रासंस्मरण आदि प्रकाशित कीजिए। |
Linkbar
फ़ॉलोअर
गुरुवार, 29 जुलाई 2010
“गांधी की सन्तान कहते हुए भी... ..” (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री “मयंक”)
लोकप्रिय पोस्ट
-
दोहा और रोला और कुण्डलिया दोहा दोहा , मात्रिक अर्द्धसम छन्द है। दोहे के चार चरण होते हैं। इसके विषम चरणों (प्रथम तथा तृतीय) मे...
-
लगभग 24 वर्ष पूर्व मैंने एक स्वागत गीत लिखा था। इसकी लोक-प्रियता का आभास मुझे तब हुआ, जब खटीमा ही नही इसके समीपवर्ती क्षेत्र के विद्यालयों म...
-
नये साल की नयी सुबह में, कोयल आयी है घर में। कुहू-कुहू गाने वालों के, चीत्कार पसरा सुर में।। निर्लज-हठी, कुटिल-कौओं ने,...
-
समास दो अथवा दो से अधिक शब्दों से मिलकर बने हुए नए सार्थक शब्द को कहा जाता है। दूसरे शब्दों में यह भी कह सकते हैं कि &qu...
-
आज मेरे छोटे से शहर में एक बड़े नेता जी पधार रहे हैं। उनके चमचे जोर-शोर से प्रचार करने में जुटे हैं। रिक्शों व जीपों में लाउडस्पीकरों से उद्घ...
-
इन्साफ की डगर पर , नेता नही चलेंगे। होगा जहाँ मुनाफा , उस ओर जा मिलेंगे।। दिल में घुसा हुआ है , दल-दल दलों का जमघट। ...
-
आसमान में उमड़-घुमड़ कर छाये बादल। श्वेत -श्याम से नजर आ रहे मेघों के दल। कही छाँव है कहीं घूप है, इन्द्रधनुष कितना अनूप है, मनभावन ...
-
"चौपाई लिखिए" बहुत समय से चौपाई के विषय में कुछ लिखने की सोच रहा था! आज प्रस्तुत है मेरा यह छोटा सा आलेख। यहाँ ...
-
मित्रों! आइए प्रत्यय और उपसर्ग के बारे में कुछ जानें। प्रत्यय= प्रति (साथ में पर बाद में)+ अय (चलनेवाला) शब्द का अर्थ है , पीछे चलन...
-
“ हिन्दी में रेफ लगाने की विधि ” अक्सर देखा जाता है कि अधिकांश व्यक्ति आधा "र" का प्रयोग करने में बहुत त्र...
बेहतरीन। लाजवाब।
जवाब देंहटाएंकितना है कमजोर,
जवाब देंहटाएंसेमल के पेड़ सा-
आज का नेता ।
जो किसी को,कुछ नही देता ।।
एक बेहतरीन व्यंग्य्……………गज़ब की चोट्।
हमारा राष्ट्र-पिता,महात्मा गान्धी ।।
जवाब देंहटाएंकितना है कमजोर,
सेमल के पेड़ सा-
आज का नेता ।
....yatharthprak rachna..
Karara vyang
बेहतरीन।
जवाब देंहटाएंइसे तो गांधी की सन्तान कहते हुए भी-
जवाब देंहटाएं.........................।।
badi sahi baat kahi.......bina likhe aapne...........:)
दिया सलाई का-
जवाब देंहटाएंमजबूत बक्सा,
सेंमल द्वारा निर्मित,एक भवन ।
माचिस दिखाओ,और कर लो हवन ।
आग ही तो लगानी है,
चाहे-तन, मन, धन हो या वतन।।
Bahut sundar, Shashtri ji
यह बहुत मोटा, ताजा है,
जवाब देंहटाएंपरन्तु,
सूखे साल रूपी,गांधी की तरह बलिष्ट नही,
इसे तो गांधी की सन्तान कहते हुए भी- .......
बहुत ही सटीक
बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति....लाजवाब ...
जवाब देंहटाएंसही कह रहे है शास्त्री जी आज तो बहुत कुछ बदल चुका है...बढ़िया रचना बधाई
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंसुन्दर भाव और अभिव्यक्ति के साथ लाजवाब रचना लिखा है आपने!
जवाब देंहटाएंbahut hee sundar guru ji!
जवाब देंहटाएंशास्त्री जी छोटी सी कविता में भी आपने बहुत बडी बात कह दी, बधाई।
जवाब देंहटाएं…………..
पाँच मुँह वाला नाग?
साइंस ब्लॉगिंग पर 5 दिवसीय कार्यशाला।
आज के नेता पर सटीक टिप्पणी। रचना में व्यंग्य होते हुए भी गहराई है।
जवाब देंहटाएंek kasa hua vyang ...jo sahi nishane par hai :)
जवाब देंहटाएंBilkul sahi kaha hai ..Aapne Sir.
जवाब देंहटाएं