कंकड़ को भगवान मान लूँ, पा जाऊँ यदि प्यार तुम्हारा! काँटों को वरदान मान लूँ, पा जाऊँ यदि प्यार तुम्हारा! दुर्गम पथ बन जाये सरल सा, अमृत घट बन जाए गरल का, पीड़ा को मैं प्राण मान लूँ. पा जाऊँ यदि प्यार तुम्हारा! बेगानों से प्रीत लगा लूँ, अनजानों को मीत बना लूँ, आशा को अनुदान मान लूँ, पा जाऊँ यदि प्यार तुम्हारा! रीते जग में मन भरमाया, जीते जी माया ही माया, साधन को संधान मान लूँ, पा जाऊँ यदि प्यार तुम्हारा! |
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शुक्रवार, 2 जुलाई 2010
“पा जाऊँ यदि प्यार तुम्हारा!” (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री “मयंक”)
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वाह प्यार से तो सब कुछ मिल जाता है ...बहुत सुन्दर.
जवाब देंहटाएंपीड़ा को मैं प्राण मान लूँ.
जवाब देंहटाएंपा जाऊँ यदि प्यार तुम्हारा!
पीड़ा जब पीड़ा न लगे
जागते जब स्वप्न जगे
कुछ ऐसी बात हो कि
खड़े रह जायें ठगे से
बस समझो कि प्यार हो गया.
दुर्गम पथ बन जाये सरल सा,
जवाब देंहटाएंअमृत घट बन जाए गरल का,
पीड़ा को मैं प्राण मान लूँ.
पा जाऊँ यदि प्यार तुम्हारा....बहुत सुन्दर.
sundar
जवाब देंहटाएंशास्त्री जी, बहुत सुंदर भाव हैं। बधाई स्वीकारें।
जवाब देंहटाएं………….
दिव्य शक्ति द्वारा उड़ने की कला।
किसने कहा पढ़े-लिखे ज़्यादा समझदार होते हैं?
शास्त्री जी, बहुत सुंदर
जवाब देंहटाएंhttp://sanjaykuamr.blogspot.com/
सच प्यार मे कितनी ताकत होती है जीवन सरल हो जाता है्………………बहुत ही सुन्दर मनभावन कविता लिखी है।
जवाब देंहटाएंरीते जग में मन भरमाया,
जवाब देंहटाएंजीते जी माया ही माया,
साधन को संधान मान लूँ,
पा जाऊँ यदि प्यार तुम्हारा!
सुंदर अभिव्यक्ति ,शुभकामनायें
शास्त्री जी, बहुत सुंदर|
जवाब देंहटाएंprashansha ke liye shabda nahii hai...........likhte rahiye .........aur ham rasaaswaadan karte rahe.........
जवाब देंहटाएंकंकड़ को भगवान मान लूँ,
जवाब देंहटाएंपा जाऊँ यदि प्यार तुम्हारा!
काँटों को वरदान मान लूँ,
पा जाऊँ यदि प्यार तुम्हारा!
बहुत सुंदर भाव है..सुंदर कविता
प्यार से तो सब कुछ मिल जाता है ...बहुत सुन्दर.
जवाब देंहटाएंदुर्गम पथ बन जाये सरल सा,
जवाब देंहटाएंअमृत घट बन जाए गरल का,
पीड़ा को मैं प्राण मान लूँ.
पा जाऊँ यदि प्यार तुम्हारा!
सुन्दर भावों से सजी अद्भुत रचना...
बहुत बढ़िया ..शास्त्री जी कविता बहुत भावपूर्ण और प्रभावी है..मुझे बहुत अच्छी लगी..सुंदर प्रस्तुतिकरण के लिए आभार
जवाब देंहटाएंवाह, सुन्दर ...
जवाब देंहटाएंसाधन को संधान मान लूँ,
पा जाऊँ यदि प्यार तुम्हारा!
हमेशा की तरह बहुत प्यारी रचना ...
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर रचना बधाई
जवाब देंहटाएं