मेरे पति (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री "मयंक") ने स्वाधीनता-दिवस पर यह गीत लिखा था। इसे मैं अपनी आवाज में प्रस्तुत कर रही हूँ- श्रीमती अमर भारती मेरे प्यारे वतन, जग से न्यारे वतन। मेरे प्यारे वतन, ऐ दुलारे वतन।। अपने पावों को रुकने न दूँगा कहीं, मैं तिरंगे को झुकने न दूँगा कहीं, तुझपे कुर्बान कर दूँगा मैं जानो तन। मेरे प्यारे वतन, ऐ दुलारे वतन।। जन्म पाया यहाँ, अन्न खाया यहाँ, सुर सजाया यहाँ, गीत गाया यहाँ, नेक-नीयत से जल से किया आचमन। मेरे प्यारे वतन, ऐ दुलारे वतन।। तेरी गोदी में पल कर बड़ा मैं हुआ, तेरी माटी में चल कर खड़ा मैं हुआ, मैं तो इक फूल हूँ तू है मेरा चमन। मेरे प्यारे वतन, ऐ दुलारे वतन।। स्वप्न स्वाधीनता का सजाये हुए, लाखों बलिदान माता के जाये हुए, कोटि-कोटि हैं उनको हमारे नमन। मेरे प्यारे वतन, ऐ दुलारे वतन।। जश्ने आजादी आती रहे हर बरस, कौम खुशियाँ मनाती रहे हर बरस, देश-दुनिया में हो बस अमन ही अमन। मेरे प्यारे वतन, ऐ दुलारे वतन।। |
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गुरुवार, 12 अगस्त 2010
मेरे प्यारे वतन (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री "मयंक")
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बेहद सुंदर अनुभूति और जज्बातों से भरा देश भक्ति गीत जिसमे जन जन कि आवाज प्रत्बिम्बित है. एक श्रेष्ठ अभिव्यक्ति
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी कविता।
जवाब देंहटाएंबहुत उम्दा पठन..गायन और गीत!! देश भक्ति से ओत प्रोत!
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर गीत और गायन।
जवाब देंहटाएंgreat composition with great melody.
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर गीत .. बहुत अच्छी प्रस्तुति !!
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर देश भक्ति से ओत प्रोत गीत ...और मधुर गायन
जवाब देंहटाएंJitani sundar rachana utana hi sundar gayan...bhavpurn abhivyakti.
जवाब देंहटाएंDhanywaad
देशभक्ति पर ये गीत बहुत सुन्दर लगा और साथ ही मधुर कंठ में गाया हुआ गीत मन मोह लिया ! उम्दा प्रस्तुती!
जवाब देंहटाएंदेश भक्ति से ओत प्रोत गीत ने भारती जी की आवाज़ के साथ मन मोह लिया।
जवाब देंहटाएंबहुत ओजस्वी रचना.
जवाब देंहटाएंरामराम.
देश-दुनिया में हो बस अमन ही अमन।
जवाब देंहटाएंबहुत खूब !!
आज़ादी की वर्षगांठ एक दर्द और गांठ का भी स्मरण कराती है ..आयें अवश्य पढ़ें
विभाजन की ६३ वीं बरसी पर आर्तनाद :कलश से यूँ गुज़रकर जब अज़ान हैं पुकारती
http://hamzabaan.blogspot.com/2010/08/blog-post_12.html
मै आप दोनों को नमन करता हूं
जवाब देंहटाएंदिल गदगद हो गया है
Shastri ji desh bhakti se paripurn aapke dwara rachit kavita smt.bharti ji ke kanth se sunkar bahut achcha laga.aap dono ko naman.
जवाब देंहटाएंDesh-bhakti se ot-prot geet badhiya lagaa , sun nahi paaye ,ye malaal hai , badhaaee aapko geet ke liye
जवाब देंहटाएंदिल गार्डन-गार्डन हो गया. दोनों को बहुत-बहुत बधाई और सभी देशवासियों को स्वतंत्रता दिवस की बहुत शुभकामनाये.
जवाब देंहटाएंमेरे प्यारे वतन, ऐ दुलारे वतन।।
जवाब देंहटाएंJai Hind
daad deni padegi shastri ji
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