जाल-जगत पर जाने कितने, उच्चारण होते होंगे। रचनाओं में जाने कितने, शब्दों को ढोते होंगे। लेख, कथा, नाटक से और कुछ काव्य-कुंज संधानों से, चुन-चुनकर उन्नत बीजों को धरती पर बोते होंगे। वन्दन और चन्दन दोनों का जब तक होगा मेल नही। बिन कोल्हू में पिसे तिलों से, कभी निकलता तेल नही। तन भी महके, मन भी चहके ऐसा कोई विधान करो, शब्द-साधना करना कोई चरवाहों का खेल नही। |
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मंगलवार, 31 अगस्त 2010
“दो मुक्तक” (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री “मयंक”)
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बहुत सुन्दर लिखा है आपने! हर एक पंक्तियाँ सच्चाई बयान करती है!
जवाब देंहटाएंडॉ. रूपचन्द्र शास्त्री मयंक जी
जवाब देंहटाएंख़ूब रंग जमाया आज भी !
रचनाओं में जाने कितने, शब्दों को ढोते होंगे
वाह शास्त्रीजी वाह !
शब्द-साधना करना कोई चरवाहों का खेल नहीं
जाल पर ही क्यों … मंच - मंच , अकादमियों , संस्थाओं , शहर - शहर बिना वंदन बिना चंदन वाले लिक्खाड़ आप - हम जैसों को पछाड़ें - पटकनियां देंने को प्रयासरत पाए जाते हैं ।
लेकिन सरस्वती की कृपा ही हमारे अस्तित्व की रक्षा करती है ।
जय हो …
- राजेन्द्र स्वर्णकार
वन्दन और चन्दन दोनों का जब तक होगा मेल नही।
जवाब देंहटाएंबिन कोल्हू में पिसे तिलों से, कभी निकलता तेल नही।
तन भी महके, मन भी चहके ऐसा कोई विधान करो,
शब्द-साधना करना कोई चरवाहों का खेल नही।
पते की बात कही शास्त्री जी !
दोनों ही मुक्तक यथार्थ का आभास कराते है| बहुत सुन्दर|
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर सत्य को सुभाशित करते मुक्तक। बधाई।
जवाब देंहटाएंशास्त्री जी,
जवाब देंहटाएंबस मात्र एक शब्द है:'सार्थक'
bahut hee khoobsurat!
जवाब देंहटाएंलेख, कथा, नाटक से और कुछ काव्य-कुंज संधानों से,
जवाब देंहटाएंचुन-चुनकर उन्नत बीजों को धरती पर बोते होंगे
बहुत सुन्दर भाव लिए हुए पंक्तियाँ
दोनों मुक्तक बहुत अच्छे लगे ..
बहुत ही सुन्दर मुक्तक्………………भावो को उकेरते हुये।
जवाब देंहटाएंतन भी महके, मन भी चहके ऐसा कोई विधान करो,
जवाब देंहटाएंशब्द-साधना करना कोई चरवाहों का खेल नही।
शास्त्री जी ....
क्या खूब कहा है। गुप्त जी की पंक्तियां स्मरण हो आईं
केवल मनोरंजन न कवि का कर्म होना चाहिए।
उसमें उचित उपदेश का भी मर्म होना चाहिए।
शब्द-साधना करना कोई चरवाहों का खेल नहीं सच्चाई बयान करती है! बहुत सुन्दर|
जवाब देंहटाएंबिल्कुल सही बात है।
जवाब देंहटाएंगज़ब के मुक्तक
जवाब देंहटाएंहम तो चरवाहा बन बकरीनुमा शब्दों को ढूढ़ते रहते हैं।
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुंदरतम.
जवाब देंहटाएंरामराम.
दोनो मुकतक सचाई को व्यान करते है जी बहुत सुंदर, धन्यवाद
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर..............
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