आज समय का, कुटिल - चक्र चल निकला है। संस्कार का दुनिया भर में, दर्जा सबसे निचला है।। नैतिकता के स्वर की लहरी मंद हो गयी। इसीलिए नूतन पीढ़ी, स्वच्छन्द हो गयी।। अपनी गलती को कोई स्वीकार नही करता है। अपने दोष, सदा औरों के माथे पर धरता है।। सबके अपने नियम और सबका अन्दाज निराला है। बिके हुए हर नेता के मुँह पर तो लटका ताला है।। पत्रकार का मतलब था, निष्पक्ष और विद्वान-सुभट। नये जमाने में इसकी, परिभाषाएँ सब गई पलट।। नटवर लाल मीडिया पर, छा रहे बलात् बाहुबल से। गाँव शहर का छँटा हुआ, अब जुड़ा हुआ है चैनल से।। गन्दे नालों और नदियों की, बहती है अविरल धारा। नहाने वाले पर निर्भर है, उसको क्या लगता प्यारा?? |
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शनिवार, 28 अगस्त 2010
“आज का समय” (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री “मयंक”)
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नैतिकता के स्वर की लहरी मंद हो गयी।
जवाब देंहटाएंइसीलिए नूतन पीढ़ी, स्वच्छन्द हो गयी।।
puraani peedhi sab chhup kar kartee thee aur apnae bachho kae saamney achchi banee rehtee thee !!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!
अरे रचना बिटिया क्यों अपने सगे सम्बन्धियों पर लांछन लगा रही हो?
जवाब देंहटाएंसही भाव फ़रमाए है, आपने
जवाब देंहटाएंआज समय का, कुटिल - चक्र चल निकला है।
संस्कार का दुनिया भर में, दर्जा सबसे निचला है।।
नैतिकता के स्वर की लहरी मंद हो गयी।
इसीलिए नूतन पीढ़ी, स्वच्छन्द हो गयी।।
कल इस स्वच्छन्दता देने के लिये भी पुरखों को कटघरे में खडा किया जायेगा।
बहुत ख़ूबसूरत और भावपूर्ण रचना लिखा है आपने जो काबिले तारीफ़ है! बधाई!
जवाब देंहटाएंwaah..too gud!
जवाब देंहटाएंनई पीढ़ी की नैतिकता और संस्कार के बारे में आपकी चिंता अपनी जगह बिलकुल ठीक है. यही चिंता गुप्त जी की रचना भारत-भारती का आधार थी.
जवाब देंहटाएंनटवर लाल मीडिया पर, छा रहे बलात् बाहुबल से।
जवाब देंहटाएंवाह!
क्या बात है।
आपकी पोस्ट रविवार २९ -०८ -२०१० को चर्चा मंच पर है ....वहाँ आपका स्वागत है ..
जवाब देंहटाएंhttp://charchamanch.blogspot.com/
नई पीढ़ी की चिंता करना जायज है ...पुरानी को ...अब तो पुरानी के साथ नई की चिंता करना भी छोड़ दिया है नई ने ...
जवाब देंहटाएंशास्त्री जी ,
जवाब देंहटाएंआप बहुत अच्छा लिखते है ,"गंदे नालों और -------
उसको क्या लगता प्यारा "
बहुत सही आकलन किया है |बधाई
आशा
अरे रचना बिटिया क्यों अपने सगे सम्बन्धियों पर लांछन लगा रही हो?
जवाब देंहटाएंaap apne baccho ko laanchhit kar rahey haen
aur
mae aap ki ham umr hun so bitiya keh kar maera saman darja naa ghayae yae aagrh haen
@ रचना
जवाब देंहटाएंमैं अपनी रचनाएँ स्वान्तःसुखाय लिखता हूँ! आपको पसंद नही हैं तो मत आइए मेरे ब्लॉग पर!
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अपना प्रोफाइल ऐसा बनाइए जिससे कि आपके बारे में मुझे सही जानकारी मिल सके!
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आपने लिखा है कि मैं आपकी उम्र की हूँ! चलो मान लेते हैं!
आज समय का, कुटिल - चक्र चल निकला है।
जवाब देंहटाएंसंस्कार का दुनिया भर में, दर्जा सबसे निचला है।।
बिलकुल सही कहा...... अच्छी रचना.....
आज जो समाज में व्याप्त है उस पर सधी हुई लेखनी चली है ....
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर रचना.
जवाब देंहटाएंरामराम.
कविह्रदय की दुविधा यही है कि विवश होता है पर चुप नहीं. सुंदर.
जवाब देंहटाएंNude Celebrities Porn, Naked Celeb Videos, Free Celebrity Pictures, Naked Pics, Scandalous Sextapes. [url=http://flamearticles.info/seeking-out-for-a-nude-model-for-your-shoot.html]flamearticles.info/seeking-out-for-a-nude-model-for-your-shoot[/url]
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