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जवाब देंहटाएंस्वतंत्रता-दिवस पर शुभकामनाएँ!
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स्वतंत्रता दिवस के मौके पर आप एवं आपके परिवार का हार्दिक अभिनन्दन एवं शुभकामनाएँ !
स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं!!
जवाब देंहटाएंआजादी पूँजीपतियों को, आजादी सामन्तवाद को,
जवाब देंहटाएंआजादी ऊँची-खटियों को, आजादी आतंकवाद को
देश की समस्याओं को सार्थक स्वर मिले आपकी कविता से।
जवाब देंहटाएंस्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ..
जवाब देंहटाएंaapko swatantrata divas mubarak ho!
जवाब देंहटाएंapni aajadi kavita padhkar maja aa gaya.bilkul sach likha hai aapne shastri ji!aapko badhai!
स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं!!
जवाब देंहटाएंhttp://iisanuii.blogspot.com/2010/08/blog-post_15.html
बहुत सही कहा है आपने।
जवाब देंहटाएंस्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं!!
स्वाधीनता दिवस पर हार्दिक शुभकामानाएं.
जवाब देंहटाएंबहुत सटीक रचना ...गीत में आपने कितनी सारी बातें कह दी हैं ...
जवाब देंहटाएंआभार
स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं!!
जवाब देंहटाएंबहुत सटीक रचना ..........आभार!
स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं!
जवाब देंहटाएंस्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं..!!
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छा गीत।
जवाब देंहटाएंदेश का चित्रण करता हुआ एक बढ़िया कविता...कब दूर होगी ऐसी विसंगतियाँ...शास्त्री जी सुंदर रचना के लिए धन्यवाद
जवाब देंहटाएंस्वतंत्रता-दिवस पर आपको भी बहुत बहुत शुभकामनाएँ! गीत के रूप में सुन्दर अभिव्यक्ति !!
जवाब देंहटाएंस्वतंत्रता दिवस पर हार्दिक शुभकामनाये और ढेरों बधाई.
जवाब देंहटाएंस्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं!
जवाब देंहटाएंसुन्दर प्रस्तुति।
asliyat se rubru karaati post ...savtantrta divas ki baadhaaee ho
जवाब देंहटाएंनीचे से लेकर ऊपर तक, भ्रष्ट-आवरण चढ़ा हुआ,
जवाब देंहटाएंझूठे, बे-ईमानों से है, सत्य-आचरण डरा हुआ,
दाल और चीनी भरे पड़े हैं, तहखानों आगारों में।
मैला-पंक समाया है, निर्मल नदियों की धारों में।।
बहुत खूब बहुत ही सुन्दर शास्त्री जी !
सही कहा है आपने.
जवाब देंहटाएंbhaarat mata ki jai!
जवाब देंहटाएं