"गिलहरी" बैठ मजे से मेरी छत पर,दाना-दुनका खाती हो! उछल-कूद करती रहती हो, सबके मन को भाती हो!! तुमको पास बुलाने को, मैं मूँगफली दिखलाता हूँ, कट्टो-कट्टो कहकर तुमको, जब आवाज लगाता हूँ, कुट-कुट करती हुई तभी तुम, जल्दी से आ जाती हो! उछल-कूद करती रहती हो, सबके मन को भाती हो!! नाम गिलहरी, बहुत छरहरी, आँखों में चंचलता है, अंग मर्मरी, रंग सुनहरी, मन में भरी चपलता है, हाथों में सामग्री लेकर, बड़े चाव से खाती हो! उछल-कूद करती रहती हो, सबके मन को भाती हो!! |
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गुरुवार, 9 दिसंबर 2010
"गिलहरी" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री "मयंक")
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अच्छी कविता , बच्चों के पाठ्य क्रम में शामिल होने की कूव्वत रखती है। बधाई।
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी कविता, बधाई।
जवाब देंहटाएंbबहुत सुन्दर आपकी कवितायेंउच्च कोटी की होती हैं। बधाई
जवाब देंहटाएंसुंदरा कविता और उतनी ही प्यारी गिलहरी
जवाब देंहटाएंregards
सुन्दर कविता....
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया!!
जवाब देंहटाएंचौथेपन में बचपन की यादें साझा कर के शास्त्री जी आने उस कहावत को फिर से सत्यापित कर दिया है:- उमर पचपन की - दिल बचपन की| सादर अभिनंदन|
जवाब देंहटाएंhttp://thalebaithe.blogspot.com
बहुत अच्छी लगी कविता.
जवाब देंहटाएंवाह वाह बहुत ही सुन्दर बाल कविता लिखी है …………जीवन्त कर दिया है गिलहरी को कविता मे।
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर, सरल, प्यारा बालगीत।
जवाब देंहटाएंgilahari par bhi kavita .. waah ..
जवाब देंहटाएंpadh kar bachpan mein pahunch gaye
आपके बाल काव्य-संग्रह में एक और सितारा है यह रचना शास्त्री जी !
जवाब देंहटाएंअति सुंदर गीत, शुभकामनाएं.
जवाब देंहटाएंरामराम.
सुंदर कृति है
जवाब देंहटाएंसबके मन को भाती गिलहरी...बहुत सुन्दर और सरल बालगीत प्यारा..बहुत - बहुत बधाई....
जवाब देंहटाएंइतनी प्रवाहपूर्ण कविता पढकर मन ऐसा झूम रहा है कि ... क्या कहूं इसे बार-बार गाए जा रहा हूं। और जो तस्वीरे आपने लगाई है, वह तो फोटोग्राफी का अद्भुत नमूना है। गिलहरी को आपने एक अलग महत्व प्रदान किया है। अब तोइन महानगरों बेचारी दिखती ही नहीं।
जवाब देंहटाएंबहुत मन प्रफुल्लित करने वाली प्रस्तुति..आभार
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर ओर प्यारी कविता, हम ने तो दो बार पढी.धन्यवाद
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर सरल सुगम कविता.
जवाब देंहटाएंधन्यवाद शास्त्री जी.
एक लोकप्रिय-अतिलोकप्रिय-महालोकप्रिय या वरिष्ठ-कनिष्ट-गरिष्ठ ब्लॉगर
बच्चों को क्या बड़ों को भी भा गयी ये गिलहरी कविता !
जवाब देंहटाएं
जवाब देंहटाएंबेहतरीन पोस्ट लेखन के बधाई !
आशा है कि अपने सार्थक लेखन से,आप इसी तरह, ब्लाग जगत को समृद्ध करेंगे।
आपकी पोस्ट की चर्चा ब्लाग4वार्ता पर है-पधारें
pyaari si kavita!
जवाब देंहटाएंaabhar!
इस नन्हे से जीव पर बडी प्यारी कविता लिखी है आपने। बधाई।
जवाब देंहटाएं---------
त्रिया चरित्र : मीनू खरे
संगीत ने तोड़ दी भाषा की ज़ंजीरें।
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