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शुक्रवार, 31 दिसंबर 2010
"डूबा नया जमाना" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री "मयंक")
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नया साल...नया जोश...नई सोच...नई उमंग...नए सपने...आइये इसी सदभावना से नए साल का स्वागत करें !!! नव वर्ष-2011 की ढेरों मुबारकवाद !!!
जवाब देंहटाएंनया साल आपके जीवन में ढ़ेरों खुशिया लेकर आये ये दुआा है हमारी........
जवाब देंहटाएंडूबा नया ज़माना.. आया नया ज़माना.. बहुत खूब.. नववर्ष आपके और आपके सभी अपनों के लिए खुशियाँ और शान्ति लेकर आये ऐसी कामना है
जवाब देंहटाएंमैं नए वर्ष में कोई संकल्प नहीं लूंगा
नया साल मुबारक हो आपको।
जवाब देंहटाएंनये वर्ष का उदय, आकांक्षाओं का सागर।
जवाब देंहटाएंनये साल की पूर्प संध्या पर अच्छी कविता!
जवाब देंहटाएंनया साल मुबारक!
नव वर्ष के आगमन पर एक बेहद खूबसूरत कविता ।
जवाब देंहटाएंनव वर्ष की हार्दिक शुभकामनायें।
नए साल पर बहुत अच्छा गीत ...
जवाब देंहटाएंनव वर्ष की शुभकामनायें
आप तो जारी रखें अपना काम.
जवाब देंहटाएंआपकी हर रचना की तरह ये रचना भी मुझे बेहद अच्छी लगी।
जवाब देंहटाएंआप व आपके परिवार वालों को नववर्ष के अवसर पर ढेरों शुभकामनाएँ।
नव वर्ष की पूर्व संध्या पर सुमधुर गीत के लिए आभार तथा आपको भी सपरिवार नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं
जवाब देंहटाएंaapki kavitaon ki sadgi aur nirantar prawaah hamesha yun hi mohak bna rahe..yahi shubhkamnayen hai!
जवाब देंहटाएंपंडित जी!
जवाब देंहटाएंबदले ज़माने को रेखांकित करते हुये भी आप्ने नववर्ष की शुभकामनाएँ दे डालीं उनको.. आशा करें कि उनको सद्बुद्धि प्राप्त हो!!
Ab bas kuch pal hi baki hai,phir happy new year 2011...
जवाब देंहटाएंSee my new blog "gadya sarjna" at http://gadyasarjna.blogspot.com/
"purane saal ki kuch yaadein"
पोल पूरी दी है खोल
जवाब देंहटाएंसच में दुनिया गोल
एक हिन्दी ब्लॉगर पसंद है
आपका जीवन संगीतमय बना रहे डाक्टर साहब। शुभकामनाएँ लीजिए।
जवाब देंहटाएंकल 18/जनवरी/2015 को आपकी पोस्ट का लिंक होगा http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर
जवाब देंहटाएंधन्यवाद !
नमस्ते,
जवाब देंहटाएंआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा सोमवार (03-05 -2021 ) को भूल गये हैं हम उनको, जो जग से हैं जाने वाले (चर्चा अंक 4055) पर भी होगी।आप भी सादर आमंत्रित है।
चर्चामंच पर आपकी रचना का लिंक विस्तारिक पाठक वर्ग तक पहुँचाने के उद्देश्य से सम्मिलित किया गया है ताकि साहित्य रसिक पाठकों को अनेक विकल्प मिल सकें तथा साहित्य-सृजन के विभिन्न आयामों से वे सूचित हो सकें।
यदि हमारे द्वारा किए गए इस प्रयास से आपको कोई आपत्ति है तो कृपया संबंधित प्रस्तुति के अंक में अपनी टिप्पणी के ज़रिये या हमारे ब्लॉग पर प्रदर्शित संपर्क फ़ॉर्म के माध्यम से हमें सूचित कीजिएगा ताकि आपकी रचना का लिंक प्रस्तुति से विलोपित किया जा सके।
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
#रवीन्द्र_सिंह_यादव
बहुत ही सुंदर प्रेरक रचना । सादर शुभकामनाएं । आदरणीय शास्त्री की आप जल्दी से स्वस्थ हो जीवन में पूर्णतः सक्रिय हों,यही ईश्वर से प्रार्थना है ।
जवाब देंहटाएंसुंदर रचना ।
जवाब देंहटाएंबेहतरीन सृजन
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर रचना, आदरणीय! आप हमारे प्रेरणा स्रोत हैं।--ब्रजेंद्रनाथ
जवाब देंहटाएंअच्छी रचना है बधाई
जवाब देंहटाएंजी बढिया है...
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर सार्थक सृजन ।
जवाब देंहटाएंउठ जाग मुसाफ़िर भोर भई, नए का सदा स्वागत!!
जवाब देंहटाएंसुन्दर प्रेरक सृजन, साधुवाद ।
अति सुन्दर सृजन । हार्दिक शुभकामनाएँ ।
जवाब देंहटाएंबहुत ही सटीक और उम्दा रचना आज की स्थिति पर!
जवाब देंहटाएंबदल नहीं पाये दिनचर्चा,-मुझे लगता है यहाँ पर दिनचर्या लिखा है आपने पर गलती से दिनचर्चा हो गया है!सायद या फिर.......
बहुत ही सुंदर गीत यथार्थ का बोध देता।।
जवाब देंहटाएंआदरणीय शास्त्री जी शीघ्र स्वास्थ्य लाभ कर नये सृजन के साथ उपस्थित हो मंच पर यही शुभकामनाएं हैं ।
नमस्ते,
जवाब देंहटाएंआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा सोमवार (16-08-2021 ) को 'नूतन के स्वागत-वन्दन में, डूबा नया जमाना' ( चर्चा अंक 4158 ) पर भी होगी। आप भी सादर आमंत्रित है। रात्रि 12:01 AM के बाद प्रस्तुति ब्लॉग 'चर्चामंच' पर उपलब्ध होगी।
चर्चामंच पर आपकी रचना का लिंक विस्तारिक पाठक वर्ग तक पहुँचाने के उद्देश्य से सम्मिलित किया गया है ताकि साहित्य रसिक पाठकों को अनेक विकल्प मिल सकें तथा साहित्य-सृजन के विभिन्न आयामों से वे सूचित हो सकें।
यदि हमारे द्वारा किए गए इस प्रयास से आपको कोई आपत्ति है तो कृपया संबंधित प्रस्तुति के अंक में अपनी टिप्पणी के ज़रिये या हमारे ब्लॉग पर प्रदर्शित संपर्क फ़ॉर्म के माध्यम से हमें सूचित कीजिएगा ताकि आपकी रचना का लिंक प्रस्तुति से विलोपित किया जा सके।
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
#रवीन्द्र_सिंह_यादव
बहुत सुंदर रचना
जवाब देंहटाएंबेहतरीन रचना आदरणीय।
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