♥ मेरी 800वीं पोस्ट ♥ दे रहा है अमन का पैगाम भारत!अब नहीं होगा हमारा देश आरत!! आदमी हँसकर मिले इनसान से, सीख लो यह सीख वेद-कुरान से, वाहेगुरू का भी यही उपदेश है, बाईबिल में प्यार का सन्देश है, दे रहा है अमन का पैगाम भारत! अब नहीं होगा हमारा देश आरत!! |
चार दिन की जिन्दगी, बाकी अंधेरी रात है, किसलिए फिर दुश्मनी की बात है, शूल की गोदी में पलते फूल हैं, बैर के अंकुर उगाना पेट में निर्मूल हैं, दे रहा है अमन का पैगाम भारत! अब नहीं होगा हमारा देश आरत!! |
खुद जिएँ, औरों को जीना हम सिखाएँ, इस धरा को स्वर्ग जैसा हम सजाएँ, जिन्दगी और मौत का मालिक खुदा , कर रहा क्यों खुद को अपनों से जुदा, दे रहा है अमन का पैगाम भारत! अब नहीं होगा हमारा देश आरत!! |
अच्छी देश भक्ति कविता..... प्रेरित कर गई...
जवाब देंहटाएंशान्ति, शान्ति, शान्ति
जवाब देंहटाएंबहुत ही अच्छा प्रयास. आज मुझे बहुत ख़ुशी हुई? धन्यवाद् .
जवाब देंहटाएंअब नहीं हो हमारा देश आरत ...
जवाब देंहटाएंप्रार्थना तो यही है ...
शुभ हो !
khoobsurat deskbhakti geet guru ji...
जवाब देंहटाएंlekin maaf kariyega...aarat ka matlab samajh nahi aaya...
800 वीं पोस्ट की बधाई ...
जवाब देंहटाएंबहुत सार्थक और सुन्दर अमन का पैगाम
प्रेरक गीत!
जवाब देंहटाएंचर्चा मंच के साप्ताहिक काव्य मंच पर आपकी रचना कल मंगलवार 28 -12 -2010
जवाब देंहटाएंको ली गयी है ..नीचे दिए लिंक पर कृपया अपनी प्रतिक्रिया दे कर अपने सुझावों से अवगत कराएँ ...शुक्रिया ..
http://charchamanch.uchcharan.com/
देशभक्ति की बहुत ही उम्दा प्रस्तुति, आपका आभार.
जवाब देंहटाएं.
जवाब देंहटाएंखुद जिएँ, औरों को जीना हम सिखाएँ,
इस धरा को स्वर्ग जैसा हम सजाएँ...
बेहतरीन अभिव्यक्ति !
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सबसे पहले तो 800वीं पोस्ट के लिये हार्दिक बधाई।
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुन्दर अमन का पैगाम दिया है……………आभार्।
बहुत ही सुन्दर शब्दों का संगम है इस अमन के पैगाम में ...बधाई इसी के साथ 800 पोस्ट पूरे होने के ।
जवाब देंहटाएंdeahprem se otprot sundar evam sarthak geet.
जवाब देंहटाएंnaman hai lekhni ko!
चार दिन की जिन्दगी, बाकी अंधेरी रात है,
जवाब देंहटाएंकिसलिए फिर दुश्मनी की बात है,
शूल की गोदी में पलते फूल हैं,
बैर के अंकुर उगाना पेट में निर्मूल हैं,
बहुत सार्थक सन्देश ..बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति.आभार