श्यामल-गोरे गाल भी, हो गये लालम-लाल।१। महके-चहके अंग हैं, उलझे-उलझे बाल। होली के त्यौहार पर, बहकी-बहकी चाल।२। हुलियारे करतें फिरें, चारों ओर धमाल। होली के इस दिवस पर, हो न कोई बबाल।३। कीचड़-कालिख छोड़कर, खेलो रंग-गुलाल। टेसू से महका हुआ, रंग बसन्ती डाल।४। खुशियों की बौछार हों, घर-आँगन औ द्वार। धान्य और धन लाएगा, होली का त्यौहार।५। |
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शनिवार, 19 मार्च 2011
"होली का त्यौहार" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री "मयंक")
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आपको सपरिवार होली की हार्दिक शुभकामनायें।
जवाब देंहटाएंwah wah.. aapko bhi shubh kaamnaayen..
जवाब देंहटाएंबेहतरीन प्रस्तुति ...होली की शुभकामनाएं ।।
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर और सार्थक ...होली की हार्दिक शुभकामनायें..
जवाब देंहटाएंसुन्दर रचना…………आपको और आपके पूरे परिवार को होली की हार्दिक शुभकामनाएँ।
जवाब देंहटाएंतन रंग लो जी आज मन रंग लो,
जवाब देंहटाएंतन रंग लो,
खेलो,खेलो उमंग भरे रंग,
प्यार के ले लो...
खुशियों के रंगों से आपकी होली सराबोर रहे...
जय हिंद...
हर्ष बिछाये यह त्योहार।
जवाब देंहटाएंवाह-वाह-वाह!
जवाब देंहटाएंक्या बात है शास्त्री जी!
हैप्पी होली!
holi ki badayein bahut sunder rachna hai
जवाब देंहटाएंहोली की हार्दिक शुभकामनाएँ|
जवाब देंहटाएंआपको सपरिवार होली की हार्दिक शुभकामनाएं
जवाब देंहटाएंसन्देश देती हुई सुन्दर रचना
जवाब देंहटाएंहुलियारे करतें फिरें, चारों ओर धमाल।
जवाब देंहटाएंहोली के इस दिवस पर, हो न कोई बबाल।
esi hi kamna hai
holi mubarik ho