माँ मेरी रचना में, कुछ शब्द सरल भर दो। गीतों के सागर से, सब दूर गरल कर दो।।दिन-रात तपस्या कर, मैंने पूजा तुमको,जीवन भर का मेरा, संधान सफल कर दो।गीतों के सागर से, सब दूर गरल कर दो।।कुछ भी तो नहीं मेरा, माँ सब कुछ है तेरा,इस रीती गागर में, निज स्नेह सबल भर दो।गीतों के सागर से, सब दूर गरल कर दो।। लिखता हूँ जो कुछ मैं, वो धूमिल हो जाता,मसि देकर माता तुम, छवि धवल-प्रबल कर दो।गीतों के सागर से, सब दूर गरल कर दो।।जितना माँगा मैंने, उससे है अधिक दिया,मनके मनकों को तुम, माता उज्जवल कर दो।गीतों के सागर से, सब दूर गरल कर दो।। |
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सोमवार, 21 मार्च 2011
"कुछ शब्द सरल भर दो" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री "मयंक")
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maan srsvti shighr hi aapki vndna svikar kre . akhtar khan akela kota rajsthan
जवाब देंहटाएंकुछ भी तो नहीं मेरा, माँ सब कुछ है तेरा,
जवाब देंहटाएंइस रीती गागर में, निज स्नेह सबल भर दो ...
नमस्कार शास्त्री जी .... बहुत सुंदर ... मधुर प्रार्थना की तरह है ये गीत ...
सुन्दर मधुर भावमयी वंदना.
जवाब देंहटाएंशास्त्री जी
जवाब देंहटाएंमाँ की इस भावमयी सरल शब्दो मे की गयी वन्दना से मन अभिभूत हो गया………बहुत अच्छी लगी आज की ये रचना जैसे हम सबके मन की बात आपने कह दी हो।
बहुत सुन्दर भावमयी सरस्वती वंदना..आभार
जवाब देंहटाएंविनम्रता और समर्पण के भावों की अनुगूँज से ही ऐसी प्रार्थना उपजती है !
जवाब देंहटाएंआभार,शास्त्री जी !
बहुत सुखद प्रार्थना ..
जवाब देंहटाएंमां सरस्वती की वंदना बहुत अच्छी लगी धन्यवाद
जवाब देंहटाएंसाधना की पराकाष्ठा अभिव्यक्ति की सरलता लाती है।
जवाब देंहटाएंचर्चा मंच के साप्ताहिक काव्य मंच पर आपकी प्रस्तुति मंगलवार 22 -03 - 2011
जवाब देंहटाएंको ली गयी है ..नीचे दिए लिंक पर कृपया अपनी प्रतिक्रिया दे कर अपने सुझावों से अवगत कराएँ ...शुक्रिया ..
http://charchamanch.blogspot.com/
गीतों के सागर से, सब दूर गरल कर दो।।
जवाब देंहटाएंbahut sundar prarthna.
बहुत खुबसूरत सुरों में सजी प्यारी सी वंदना |
जवाब देंहटाएंbahut sundar saraswati-vandna likhi hai aapne.
जवाब देंहटाएंबहुत ख़ूबसूरत, मधुर और भावपूर्ण रचना लिखा है आपने !
जवाब देंहटाएंइस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंहोठों से छू लो तुम............
जवाब देंहटाएंइस धुन पर क्या सुंदर और स-रस प्रस्तुति दी है शास्त्री जी| नमन आदरणीय|
"गीतों के सागर से ,सब दूर गरल करदो "
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी प्रार्थना की है |बधाई
आशा
बहुत सुन्दर.....
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुंदर रचना,
जवाब देंहटाएंरामराम
बहुत सुंदर भाव मानो शब्दों की सरिता बह रही हैं
जवाब देंहटाएंआज 19/मार्च/2015 को आपकी पोस्ट का लिंक है http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर
जवाब देंहटाएंधन्यवाद!
बहुत सुंदर !
जवाब देंहटाएं