लाल और काले रंग
वाली,
मेरी पतंग बड़ी
मतवाली।
मैं जब विद्यालय से
आता,
खाना खा झट छत पर
जाता।
पतंग उड़ाना मुझको
भाता,
बड़े चाव से पेंच
लड़ाता।
पापा-मम्मी मुझे
रोकते,
बात-बात पर मुझे
टोकते।
लेकिन मैं था नहीं
मानता,
नभ में अपनी पतंग
तानता।
वही हुआ मन में जो
डर था,
अब मैं काँप रहा
थर-थर था।
मैं था यारों ऐसा
हीरो,
सब विषयों लाया
जीरो।
अब ये मैंने सोच
लिया है,
पतंग उड़ाना छोड़
दिया है।
कभी नहीं अब हूँगा फेल,
नहीं करूँगा ज्यादा
खेल।
आसमान में उड़ने
वाली,
जो करती थी सैर
निराली।
मैंने उसे फाड़ डाला
है,
छत पर लगा दिया
ताला है।
मित्रों! मेरी बात
मान लो,
अपने मन में आज ठान
लो।
पुस्तक लेकर ज्ञान
बढ़ाओ।
कभी-कभी ही पतंग
उड़ाओ।।
|
"उच्चारण" 1996 से समाचारपत्र पंजीयक, भारत सरकार नई-दिल्ली द्वारा पंजीकृत है। यहाँ प्रकाशित किसी भी सामग्री को ब्लॉग स्वामी की अनुमति के बिना किसी भी रूप में प्रयोग करना© कॉपीराइट एक्ट का उलंघन माना जायेगा। मित्रों! आपको जानकर हर्ष होगा कि आप सभी काव्यमनीषियों के लिए छन्दविधा को सीखने और सिखाने के लिए हमने सृजन मंच ऑनलाइन का एक छोटा सा प्रयास किया है। कृपया इस मंच में योगदान करने के लिएRoopchandrashastri@gmail.com पर मेल भेज कर कृतार्थ करें। रूप में आमन्त्रित कर दिया जायेगा। सादर...! और हाँ..एक खुशखबरी और है...आप सबके लिए “आपका ब्लॉग” तैयार है। यहाँ आप अपनी किसी भी विधा की कृति (जैसे- अकविता, संस्मरण, मुक्तक, छन्दबद्धरचना, गीत, ग़ज़ल, शालीनचित्र, यात्रासंस्मरण आदि प्रकाशित कर सकते हैं। बस आपको मुझे मेरे ई-मेल roopchandrashastri@gmail.com पर एक मेल करना होगा। मैं आपको “आपका ब्लॉग” पर लेखक के रूप में आमन्त्रित कर दूँगा। आप मेल स्वीकार कीजिए और अपनी अकविता, संस्मरण, मुक्तक, छन्दबद्धरचना, गीत, ग़ज़ल, शालीनचित्र, यात्रासंस्मरण आदि प्रकाशित कीजिए। |
Linkbar
फ़ॉलोअर
रविवार, 5 मई 2013
‘‘मेरी पतंग बड़ी मतवाली’’ (डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री ‘मयंक’)
लोकप्रिय पोस्ट
-
दोहा और रोला और कुण्डलिया दोहा दोहा , मात्रिक अर्द्धसम छन्द है। दोहे के चार चरण होते हैं। इसके विषम चरणों (प्रथम तथा तृतीय) मे...
-
लगभग 24 वर्ष पूर्व मैंने एक स्वागत गीत लिखा था। इसकी लोक-प्रियता का आभास मुझे तब हुआ, जब खटीमा ही नही इसके समीपवर्ती क्षेत्र के विद्यालयों म...
-
नये साल की नयी सुबह में, कोयल आयी है घर में। कुहू-कुहू गाने वालों के, चीत्कार पसरा सुर में।। निर्लज-हठी, कुटिल-कौओं ने,...
-
समास दो अथवा दो से अधिक शब्दों से मिलकर बने हुए नए सार्थक शब्द को कहा जाता है। दूसरे शब्दों में यह भी कह सकते हैं कि &qu...
-
आज मेरे छोटे से शहर में एक बड़े नेता जी पधार रहे हैं। उनके चमचे जोर-शोर से प्रचार करने में जुटे हैं। रिक्शों व जीपों में लाउडस्पीकरों से उद्घ...
-
इन्साफ की डगर पर , नेता नही चलेंगे। होगा जहाँ मुनाफा , उस ओर जा मिलेंगे।। दिल में घुसा हुआ है , दल-दल दलों का जमघट। ...
-
आसमान में उमड़-घुमड़ कर छाये बादल। श्वेत -श्याम से नजर आ रहे मेघों के दल। कही छाँव है कहीं घूप है, इन्द्रधनुष कितना अनूप है, मनभावन ...
-
"चौपाई लिखिए" बहुत समय से चौपाई के विषय में कुछ लिखने की सोच रहा था! आज प्रस्तुत है मेरा यह छोटा सा आलेख। यहाँ ...
-
मित्रों! आइए प्रत्यय और उपसर्ग के बारे में कुछ जानें। प्रत्यय= प्रति (साथ में पर बाद में)+ अय (चलनेवाला) शब्द का अर्थ है , पीछे चलन...
-
“ हिन्दी में रेफ लगाने की विधि ” अक्सर देखा जाता है कि अधिकांश व्यक्ति आधा "र" का प्रयोग करने में बहुत त्र...
शास्त्री जी,
जवाब देंहटाएंबहुत ही शिक्षाप्रद कविता है । यह सही है कि पतंग छोड़कर पढ़ाय़ी करना अधिक श्रेयस्कर है, परन्तु आज पतंग तो बीते जमाने की बात हो गयी है । वीडियो गेम बच्चों का समय और बुद्धि दोनों बर्बाद कर रहा है । आप उसपर भी प्रकाश डालिये ।
वाह बड़ी लुभावनी कविता है ये तो..
जवाब देंहटाएंसुन्दर कविता और बच्चों की मनभावन वस्तु
जवाब देंहटाएंवाह बहुत सुंदर रचना ..
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर रचना ..
जवाब देंहटाएंशिक्षाप्रद कविता गुरु जी प्रणाम
जवाब देंहटाएंआपकी इस प्रविष्टी की चर्चा कल सोमवार (06-05-2013) के एक ही गुज़ारिश :चर्चा मंच 1236 पर अपनी प्रतिक्रिया के लिए पधारें ,आपका स्वागत है
सूचनार्थ
बच्चों की सुन्दर कविता....
जवाब देंहटाएंबहुत ही शिक्षाप्रद बाल कविता है.आपका आभार.
जवाब देंहटाएंशिक्षा प्रद बाल गीत बाल भाव को कुरेदता उभारता .लयात्मक गेय ,और ज्ञेय .
जवाब देंहटाएंbal-man ki sunder abhivyakti....
जवाब देंहटाएंवाह बहुत खूब
जवाब देंहटाएंश्रेष्ठ, उत्कृष्ट, अलबेली, अति उत्तम कविता
जवाब देंहटाएंहिन्दी तकनीकी क्षेत्र की रोचक और ज्ञानवर्धक जानकारियॉ प्राप्त करने के लिये इसे एक बार अवश्य देखें,
लेख पसंद आने पर टिप्प्णी द्वारा अपनी बहुमूल्य राय से अवगत करायें, अनुसरण कर सहयोग भी प्रदान करें
MY BIG GUIDE
बढिया, बहुत सुंदर
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर शिक्षाप्रद बाल कविता !
जवाब देंहटाएंlatest post'वनफूल'
खुले में ही उडाना चाहिये पतंग. सुन्दर रचना.
जवाब देंहटाएंवाह ... बहुत ही अच्छी प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंगर्मी भीषण है बहुत, फिर भी उड़े पतंग |
जवाब देंहटाएंसब सम्भव है अगर हो, 'शैशव' याद के संग ||
रंग बिरंगी पतंग..
जवाब देंहटाएंबहुत ही मनभावन बाल-रचना..
जवाब देंहटाएं:-)