सुन्दर तन पाया है तुमने, लेकिन बहुत घमण्डी हो। नहीं जानती प्रीत-रीत को, तुम चिड़िया उदण्डी हो।। जल्दी-जल्दी कदम बढ़ाकर, तुम आगे को बढ़ती हो। अपनी सखी-सहेली से तुम, सौतन जैसी लड़ती हो।। भोली-भाली चिड़ियों को तुम, लड़कर मार भगाती हो। प्यारे-प्यारे कबूतरों को भी, तुम बहुत सताती हो।। मीठी बोली से ही तो, मन का उपवन खिलता है। अच्छे-अच्छे कामों से ही, जग में यश मिलता है।। बैर-भाव को तजकर ही तो, अच्छे तुम कहलाओगे। मधुर वचन बोलोगे तो, सबके प्यारे बन जाओगे।। |
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रविवार, 20 फ़रवरी 2011
"सबके प्यारे बन जाओगे?" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री "मयंक")
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इतनी सुंदर पंक्तियां संजोने के लिए बाल-मन से धनी होने का वरदान अत्यावश्क है. आप सौभग्यवान हैं. आभार.
जवाब देंहटाएंदिल तो बच्चा है पंडित जी!!
जवाब देंहटाएंमीठी बोली से ही तो,
जवाब देंहटाएंमन का उपवन खिलता है।
अच्छे-अच्छे कामों से ही,
जग में यश मिलता है।।
मैना के माध्यम से सार्थक सीख देती सुन्दर रचना
नेक सलाह..
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया!
जवाब देंहटाएंमगर यह तो समूह में
बहुत प्यार से
मिलजुलकर रहती है।
बहुत ही सार्थक रचना, शुभकामनाएं.
जवाब देंहटाएंरामराम.
::बैर-भाव को तजकर ही तो,अच्छे तुम कहलाओगे।मधुर वचन बोलोगे तो,सबके प्यारे बन जाओगे।::
जवाब देंहटाएंjiwandarshan hoti hain aapki kavita.. aapki panktiyaan
जग में रह जायेंगे , प्यारे मीठे बोल ...
जवाब देंहटाएंअंतिम दोनों छंद असली सन्देश दे जाते हैं. लोगों को अनुकरण करना चाहिए.
जवाब देंहटाएंबच्चों क्या बड़ों को भी सन्देश देती हुई सुंदर रचना ,बधाई
जवाब देंहटाएंबच्चों के लिए एक बहुत सुन्दर और सीख देनेवाली रचना..आभार
जवाब देंहटाएंबैर-भाव को तजकर ही तो,
जवाब देंहटाएंअच्छे तुम कहलाओगे।
मधुर वचन बोलोगे तो,
सबके प्यारे बन जाओगे ...
bahuty khoob ... aapke samjhaane का andaaz भी lajawab है Shastri जी ....
Maza aa gaya ...
मीठी बोली से ही तो,
जवाब देंहटाएंमन का उपवन खिलता है।
अच्छे-अच्छे कामों से ही,
जग में यश मिलता है।।
सरल शब्दों में प्रेरणा देती हुई बाल कविता कहने में आपका हुनर निराला है.
बहुत सुन्दर.
प्रेरणा दायक मनमोहक सुन्दर गीत...वाह...
जवाब देंहटाएंकितनी सुन्दर बात कही है आपने...
मैना की उद्दंडता के बहाने अच्छी सीख दी ...
जवाब देंहटाएंसुन्दर गीत !