रात-दिन मैं प्राण की वीणा बजाऊँ। माँ तुम्हारी वन्दना के स्वर सजाऊँ।। मैं सुमन बिन गन्ध का हूँ वाटिका में, किस तरह यह पुष्प मन्दिर में चढ़ाऊँ। माँ तुम्हारी वन्दना के स्वर सजाऊँ।। मैं निबल हूँ आपका ही है सहारा, थाम लो माँ हाथ मैं अपना बढ़ाऊँ। माँ तुम्हारी वन्दना के स्वर सजाऊँ।। दो मुझे वरदान तुम हे शारदे माँ! आरती को अर्चना में गुन-गुनाऊँ। माँ तुम्हारी वन्दना के स्वर सजाऊँ।। साधना में मातु तुम विज्ञान भर दो, विश्व में मैं ज्ञान का दीपक जलाऊँ। माँ तुम्हारी वन्दना के स्वर सजाऊँ।। |
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शुक्रवार, 2 सितंबर 2011
‘‘वन्दना के स्वर’’ (डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री ‘मयंक’)
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bahut sundar vandana .aabhar.
जवाब देंहटाएंफांसी और वैधानिक स्थिति
सुन्दर वंदना.
जवाब देंहटाएंवाह बहुत ही सुन्दर वंदना…………माँ को नमन्।
जवाब देंहटाएंदो मुझे वरदान तुम हे शारदे माँ!
जवाब देंहटाएंआरती को अर्चना में गुन-गुनाऊँ।
माँ तुम्हारी वन्दना के स्वर सजाऊँ।।
..Vidhya kee devi sarswati Maa ki sundar nav vandana padhkar man ko bahut achha laga..
Maa ke charon ko saadar naman!
बहुत सुंदर
जवाब देंहटाएंवाह बहुत ही सुन्दर वंदना…………माँ को नमन्।
जवाब देंहटाएंसुन्दर वंदना !
जवाब देंहटाएंभक्ति और श्रद्धा की अनंत गहराई में ले जाती है यह वंदना !
जवाब देंहटाएंआभार!
सुन्दर स्तुति।
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर और भाव पूर्ण स्तुति...
जवाब देंहटाएंइतनी सुंदर आराधना कि बिना गुनगुनाये पढ़ा ही नहीं जा सकता.
जवाब देंहटाएंगणेश पर्व के पावन वातावरण में माँ शारदा की पावन स्तुति अति भावमयी है.
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर रचना.
जवाब देंहटाएंरामराम.
बहुत भावपूर्ण स्तुति
जवाब देंहटाएंआशा
bhavpoorn rachna ..bhavvibhor karati hui ...
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर रचना शास्त्री जी,बधाई
जवाब देंहटाएंआपके स्वर में हमने भी सुर मिलाए
जवाब देंहटाएंइसको जी भर कर गाए और गुनगुनाए।
बहुत सुंदर और भावपूर्ण रचना ! उम्दा प्रस्तुती!
जवाब देंहटाएंआपको एवं आपके परिवार को गणेश चतुर्थी की हार्दिक शुभकामनायें!
मेरे नए पोस्ट पर आपका स्वागत है-
http://seawave-babli.blogspot.com/
http://ek-jhalak-urmi-ki-kavitayen.blogspot.com/
बहुत अच्छी प्रार्थना की है सर।
जवाब देंहटाएंसादर
maan sharda ko naman aur usake likhane vale ko. bahut sundar vandana.
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर वंदना..आभार
जवाब देंहटाएंबहुत ही अच्छी रचना ।
जवाब देंहटाएंविश्व में ज्ञान का दीपक जलाने की सुंदर भावना को नमन शास्त्री जी
जवाब देंहटाएंbahut sundar ..vandna....aur swar bhi utne hi sundar
जवाब देंहटाएं