जीवन एक मुसाफिरखाना जो आया है, उसको जाना झूठी काया, झूठी छाया माया में मत मन भरमाना सुख के सपने रिश्ते-नाते बहुत कठिन है इन्हें निभाना ताकत है तो, सब है अपने कमजोरी में झिड़की-ताना आँखों के तारे दुर्दिन में जान गये हैं आँख दिखाना इस दुनिया की यही कहानी कल हो जाता आज पुराना सुमन सीख देते हैं सबको आज खिले कल है मुरझाना “रूप” न टिकता है यौवन का क्षमा न करता कभी ज़माना |
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गुरुवार, 22 सितंबर 2011
" क्षमा न करता कभी ज़माना" ( डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री "मयंक")
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“रूप” न टिकता है यौवन का
जवाब देंहटाएंक्षमा न करता कभी ज़माना
बहुत ही सुन्दर और सार्थक प्रस्तुति है.
आभार.
अगर आपकी उत्तम रचना, चर्चा में आ जाए |
जवाब देंहटाएंशुक्रवार का मंच जीत ले, मानस पर छा जाए ||
तब भी क्या आनन्द बांटने, इधर नहीं आना है ?
छोटी ख़ुशी मनाने आ, जो शीघ्र बड़ी पाना है ||
चर्चा-मंच : 646
http://charchamanch.blogspot.com/
वाह वाह बहुत ही सुन्दर और सार्थक प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंसुमन सीख देते हैं सबको
जवाब देंहटाएंआज खिले कल है मुरझाना
bahut khub..
सार्थक कविता.
जवाब देंहटाएंवाह सर... बहुत सुन्दर ग़ज़ल कही आपने...
जवाब देंहटाएंसादर...
सशक्त रचना। बधाई।
जवाब देंहटाएंek ek pankti kaabile taareef hai.bahut sachchai hai in panktiyon me.
जवाब देंहटाएंव्यक्ति और समाज का विशेष सम्बन्ध।
जवाब देंहटाएंआँखों के तारे दुर्दिन में
जवाब देंहटाएंजान गये हैं आँख दिखाना
दो मुहावरों का विलक्षण प्रयोग. जीवन के शाश्वत गीत को नमन.
“रूप” न टिकता है यौवन का
जवाब देंहटाएंक्षमा न करता कभी ज़माना
बहुत ही सुन्दर और सार्थक प्रस्तुति है.
आभार.
"आँखों के तारे दुर्दिन में
जवाब देंहटाएंजान गये हैं आँख दिखाना"
बहुत बढ़िया रचना शास्त्री जी |
bilkul sahee baat hai guru jee
जवाब देंहटाएंhar sher mein jivan ki seekh, duniyadari ki baaten, jo jivan bhar saath chalti...
जवाब देंहटाएंसुख के सपने रिश्ते-नाते
बहुत कठिन है इन्हें निभाना
ताकत है तो, सब है अपने
कमजोरी में झिड़की-ताना
behtareen ghazal ke liye daad sweekaaren Roopchandra ji.
खूबसूरत ग़ज़ल
जवाब देंहटाएंसही सन्देश देती अच्छी प्रस्तुति ...
जवाब देंहटाएंआदरणीय मयंक जी नमस्कार्। बहुत सुन्दर जीवन का सार बताती लाइनें।रूप न टिकता है यौवन का
जवाब देंहटाएंक्षमा न करता कभी ज़माना। आप ब्लाग पर आए धन्यवाद शब्द्पुष्टि करण कैसे हटातें है मुझे नही पता आप बरिष्ठ है बताएं मै अभी नयी हूं मार्ग दर्शन दें और ब्लाग में भी रचनाओं से सम्बन्धित कमियां भी बताएं ।ब्लाग पर आते रहें।