काफी समय पहले
एक बाल कविता लिखी थी!
मेरे आग्रह पर इसे मेरी मुँहबोली भतीजी
अर्चना चावजी ने बहुत मन से गाया था!
आप भी इस बाल कविता का रस लीजिए!
काले रंग का चतुर-चपल,
पंछी है सबसे न्यारा।
डाली पर बैठा कौओं का,
जोड़ा कितना प्यारा।
नजर घुमाकर देख रहे ये,
कहाँ मिलेगा खाना।
जिसको खाकर कर्कश स्वर में,
छेड़ें राग पुराना।।
काँव-काँव का इनका गाना,
सबको नहीं सुहाता।
लेकिन बच्चों को कौओं का,
सुर है बहुत लुभाता।।
कोयलिया की कुहू-कुहू,
बच्चों को रास न आती।
कागा की प्यारी सी बोली,
इनका मन बहलाती।।
देख इसे आँगन में,
शिशु ने बोला औआ-औआ।
खुश होकर के काँव-काँवकर,
चिल्लाया है कौआ।।
|
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शनिवार, 12 जनवरी 2013
"चिल्लाया है कौआ-बालकविता" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
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shundar baal geet :)
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर बाल गीत
जवाब देंहटाएंMajedar Kavita....
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर प्रस्तुति . हार्दिक आभार हम हिंदी चिट्ठाकार हैं
जवाब देंहटाएंसुन्दर प्रस्तुति |
जवाब देंहटाएंबढ़िया विषय |
शुभकामनायें आदरेया ||
जवाब देंहटाएं✿♥❀♥❁•*¨✿❀❁•*¨✫♥
♥सादर वंदे मातरम् !♥
♥✫¨*•❁❀✿¨*•❁♥❀♥✿
देख इसे आँगन में,
शिशु ने बोला औआ-औआ
खुश होकर के काँव-काँवकर,
चिल्लाया है कौआ
वाह वाह !
बहुत सुंदर बाल-गीत लिखा आपने आदरणीय डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'जी !
लाजवाब !!
और अर्चना चावजी की सस्वर प्रस्तुति एकदम बालकोचित मनोभावों के अनुरूप ही है ... बहुत बहुत बधाई आपको भी !
आप दोनों को एक श्रेष्ठ रचना के लिए साधुवाद !!
हार्दिक मंगलकामनाएं …
लोहड़ी एवं मकर संक्रांति के शुभ अवसर पर !
राजेन्द्र स्वर्णकार
✿◥◤✿✿◥◤✿◥◤✿✿◥◤✿◥◤✿✿◥◤✿◥◤✿✿◥◤✿
श्रेष्ठ बाल रचना के लिए आप दोनों को बधाई,,,,,
जवाब देंहटाएंrecent post : जन-जन का सहयोग चाहिए...
अति सुंदर कृति
जवाब देंहटाएं---
नवीनतम प्रविष्टी: गुलाबी कोंपलें
बाल मन की सहजता लिए बाल रंग में रंगी कविता .आभार .
जवाब देंहटाएंकौवा किसी के आने का संदेशा लाता है, सुन्दर गीत
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर बाल कविता...
जवाब देंहटाएं:-)