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जवाब देंहटाएंसुन्दर..
जवाब देंहटाएं"बात ही करनी है, तो
जवाब देंहटाएंबस बात करो प्यार की!
प्यार की, शृंगार की,
झंकार की, बस प्यार की!"
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एक अनुपम उपहार है - यह गीत!
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कह रहीं बालियाँ गेहूँ की - "मेरे लिए,
नवसुर में कोयल गाता है - मीठा-मीठा-मीठा!"
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संपादक : सरस पायस
बहुत प्यारा गीत !!
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर गीत!
जवाब देंहटाएंअति सुंदर
जवाब देंहटाएंबेहतरीन। लाजवाब।
जवाब देंहटाएंसोचने को उम्र सारी ही पड़ी है सामने,
जवाब देंहटाएंजीत के माहौल में, क्यों हार की बातें करें।
क्या बात है. बहुत सुन्दर गीत. सामयिक भी.
कविता हमेशा की तरह शानदार.
जवाब देंहटाएंप्यार का दिन है सुहाना, प्यार की बातें करें.nice
जवाब देंहटाएंबहुत ख़ूबसूरत गीत! आज के दिन को आपने ख़ूबसूरत गीत से और भी ख़ास बना दिया है!
जवाब देंहटाएंसही वक़्त पर...... बहुत सुंदर गीत.....
जवाब देंहटाएंसादगी के साथ हम, शृंगार की बातें करें।
जवाब देंहटाएंप्यार का दिन है सुहाना, प्यार की बातें करें।।
सोचने को उम्र सारी ही पड़ी है सामने,
जीत के माहौल में, क्यों हार की बातें करें।
प्यार का दिन है सुहाना, प्यार की बातें करें।।
sahi kah rahe hain........bahut hi sundar prem geet.
sahi baat hai...
जवाब देंहटाएंsahi prem divas par ati uttam uphaar/anupam rachna. badhai sweekaren.
जवाब देंहटाएंसुन्दर समसामयिक रचना के लिये बधाई
जवाब देंहटाएं