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बहुत बढिया.
जवाब देंहटाएंशास्त्री जी, कुछ फोटू मुझे मेल कर दीजिये.
मैं भी आपको दोपहर बाद कुछ फोटू मेल करता हूं.
आपकी एक सुंदर रचना अभिव्यक्ति में प्रकाशित हो चुकी है। लगता है वसंत आया है
जवाब देंहटाएंटेसू की
डालियाँ फूलतीं,
खेतों में
बालियाँ झूलतीं,
लगता है बसन्त आया है!
केसर की
क्यारियाँ महकतीं,
बेरों की
झाड़ियाँ चहकती,
लगता है बसन्त आया है!
आम-नीम
पर बौर छा रहा,
प्रीत-रीत
का दौर आ रहा,
लगता है बसन्त आया है!
सूरज है
फिर से मुस्काया,
कोयलिया
ने गान सुनाया,
लगता है बसन्त आया है!
शिव का
होता घर-घर वन्दन,
उपवन में
छाया स्पन्दन,
लगता है बसन्त आया है!
--डॉ रुपचंद्र शास्त्री मयंक
फूलती खेतों में सरसों,
जवाब देंहटाएंआम बौराने लगे,
जुगलबन्दी छेड़कर,
प्रेमी युगल गाने लगे,
चहकते प्यारे परिन्दे,
दुर्ग की दीवार पर।
सुंदर कवित्त-आभार
सुन्दर रचना!
जवाब देंहटाएंफूलती खेतों में सरसों,
जवाब देंहटाएंआम बौराने लगे,
जुगलबन्दी छेड़कर,
प्रेमी युगल गाने लगे,
वाह!!इस सुन्दर रचना के लिये आभार!
रचना बहुत सुंदर है शाश्त्रीजी. पर ये नीरज जाटजी कौन से लेन देन की बात कर रहे हैं?:)
जवाब देंहटाएंरामराम.
नीरज जाट जी नानकमत्ता के फोटो माँग रहे हैं!
जवाब देंहटाएंक्योंकि 3 दिन पहले ये हमारे साथ थे!
bahut he badhiyaa shastri ji..
जवाब देंहटाएंmazza aa gaya...
अच्छा और सुन्दर गीत. अन्तिम पंक्तियों में आशा और विश्वास का सुंदर संदेश है.
जवाब देंहटाएंagla chakkar mera lagne wala KHATIMA guru ji ka ashirwaad lene ke liye!
जवाब देंहटाएंभावभीना गीत...
जवाब देंहटाएंये पंक्तियाँ विशेष पसंद आयीं ..
दुःख की बदली छँटी,
सूरज उगा विश्वास का,
जल रहा दीपक दिलों में,
स्नेह ले उल्लास का,
दुःख की बदली छँटी,
जवाब देंहटाएंसूरज उगा विश्वास का,
जल रहा दीपक दिलों में,
स्नेह ले उल्लास का,
ज्वर चढ़ा, पारा बढ़ा है,
प्यार के संसार पर।
दे रहा मधुमास दस्तक,
है हृदय के द्वार पर।।
behtreen rachna........aaj to shabd kam pad rahe hain.
दुःख की बदली छँटी,
जवाब देंहटाएंसूरज उगा विश्वास का,
जल रहा दीपक दिलों में,
स्नेह ले उल्लास का,
ज्वर चढ़ा, पारा बढ़ा है,
प्यार के संसार पर।
दे रहा मधुमास दस्तक,
है हृदय के द्वार पर।।
फ्फलगुनी रंग मे रंगी सुन्दर कविता बधाई
atisundar!
जवाब देंहटाएंसुमन पुलकित हो रहा,
जवाब देंहटाएंअभिनव नवल शृंगार भर.nice
इस सुन्दर रचना के लिये आभार!
जवाब देंहटाएंसुमन पुलकित हो रहा,
जवाब देंहटाएंअभिनव नवल शृंगार भर।
दे रहा मधुमास दस्तक,
है हृदय के द्वार पर।।
sundar