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पाठकों को शिवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएं !!
जवाब देंहटाएंदिलों में उल्फतें कम हैं!
जवाब देंहटाएंअब सोचना यह है कि इन्हें कैसे बढ़ाया जाए!
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"महाशिवरात्रि पर आपके लिए हार्दिक शुभकामनाएँ!"
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कह रहीं बालियाँ गेहूँ की - "मेरे लिए,
नवसुर में कोयल गाता है - मीठा-मीठा-मीठा!"
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संपादक : सरस पायस
बहुत सुंदर शीर्षक के साथ..... बहुत सुंदर रचना.....
जवाब देंहटाएंwakai mein..
जवाब देंहटाएंdilon mein ulfatein kamm hai...
ulfat badh sakti hai,agar prem ka koi ek hi din na ho..har din prem divas ho :)
जवाब देंहटाएंSundar Rachana .....Abhar!!
जवाब देंहटाएंSaadar
RaniVishal
घटी खुशियाँ, बढ़े ग़म हैं!
जवाब देंहटाएंदिलों में उल्फतें कम हैं!!
सुन्दर पंक्तियाँ और भाव
बहुत लाजवाब.
जवाब देंहटाएंरामराम
बहुत सुंदर कविता, आप को भी शिवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएं !!
जवाब देंहटाएंहँसी झूठी, कमर टूटी,
जवाब देंहटाएंलबों पर बेबसी फूटी,
नज़ारों की नज़र नम है!
दिलों में उल्फतें कम हैं!!
sach kah diya.........aur sab yahan hain bas pya rhi na jaane kahan kho gaya hai.