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bahut he badhiyaa.....
जवाब देंहटाएंshastri ji kamaal kiya aapne..
कमाल का रचना लिखा है आपने तस्वीरों से सुसज्जित करके! बहुत ही सुन्दर लगा!
जवाब देंहटाएंbahut sundar baal geet........badhiya hai
जवाब देंहटाएंसुन्दर चित्र के साथ बढ़िया गीत.
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुंदर गीत.
जवाब देंहटाएंरामराम.
फागुन में कुहरा छाया है।
जवाब देंहटाएंसूरज कितना घबराया है।।
सूरज का घबराना जायज है सब कुछ बेमौसम जो हो गया है
सुन्दर शास्त्री जी, हमने तो यहाँ दिन में पंखे चालू कर दिए !
जवाब देंहटाएंबहुत खूबसूरत गीत....मौसम का हाल भी बयां कर दिया ....
जवाब देंहटाएंबाल-मन को गुदगुदानेवाला बहुत सुंदर गीत!
जवाब देंहटाएं--
कह रहीं बालियाँ गेहूँ की - "वसंत फिर आता है - मेरे लिए,
नवसुर में कोयल गाता है - मीठा-मीठा-मीठा! "
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संपादक : सरस पायस