भावनाओं का ज्वार बढ़ जाता है तब बुद्धि मन्द हो जाती है लाचारगी और बेचारगी का साया मन पर अधिकार कर लेता है निश्चय और अनिश्चय में झूलने लगता है मन प्राण और देह आते रहते हैं नकारात्मक भाव लेकिन कुछ समय बाद ज्वार निकल जाता है सोच बदलने लगती है तो बुद्धि भी काम करने लगती है हो जाता है समस्याओं का हल खिल जाता है मन का कमल मिल जाता है आशातीत परिणाम विषम परिस्थियों में धैर्य और विवेक रखना होगा अपने संग तो खुद-ब-खुद आ जाएगा जीने का ढंग!! |
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शुक्रवार, 24 फ़रवरी 2012
"आ जाएगा जीने का ढंग!" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
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महा-मनीषी भर रहे, जब जीवन में रंग ।
जवाब देंहटाएंसीखे निश्चय ही मनुज, तब जीने के ढंग ।।
दिनेश की टिप्पणी - आपका लिंक
http://dineshkidillagi.blogspot.in
धैर्य और विवेक
जवाब देंहटाएंरखना होगा अपने संग
तो खुद-ब-खुद
आ जाएगा जीने का ढंग!!
bahut sunder abhivyakti ....
बहुत अच्छी कविता।
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया रचना ...
जवाब देंहटाएंMY NEW POST...आज के नेता...
aaj ye alag hi lekhni lag rahi hai aapki bahut umda bhaav bahut sundar.atukant kavita me bhi jaan dal di aapne.
जवाब देंहटाएंधैर्य और विवेक
जवाब देंहटाएंरखना होगा अपने संग
तो खुद-ब-खुद
आ जाएगा जीने का ढंग!………………बिल्कुल सही और सटीक बात कही है।
बहुत सही है धीरज रखने से हि जिंदगी आसान होती है
जवाब देंहटाएंधैर्य और विवेक
जवाब देंहटाएंरखना होगा अपने संग
तो खुद-ब-खुद
आ जाएगा जीने का ढंग!!
बहुत ही अच्छी प्रस्तुति ।
बहुत सुन्दर सर...
जवाब देंहटाएंखुद पर विश्वास हो बस....
समय के पहिये का रुख हम खुद मोड़ लेंगे...
सादर.
धैर्य और विवेक
जवाब देंहटाएंरखना होगा अपने संग
तो खुद-ब-खुद
आ जाएगा जीने का ढंग!!bahut achchi pangtiyan.......
विषम परिस्थियों में
जवाब देंहटाएंधैर्य और विवेक
रखना होगा अपने संग
तो खुद-ब-खुद
आ जाएगा जीने का ढंग!!
....बिलकुल सच कहा है...बहुत सुंदर रचना..
जीवन दर्शन को कहती सुंदर प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंअनमोल वचन..
जवाब देंहटाएंआ जाएगा जीने का ढंग'
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर |
आशा
विषम परिस्थियों में
जवाब देंहटाएंधैर्य और विवेक
रखना होगा अपने संग
तो खुद-ब-खुद
आ जाएगा जीने का ढंग!!
बेहद सटीक सीख .चाहे तो सीख .
बहुत सुन्दर !
जवाब देंहटाएंबहूत हि सही कहा है सर ,,
जवाब देंहटाएंखुद पर धीरज रखने से ,,,
आपने क्रोध पर काबू रखने से
सब ठीक हो जाता है....
बेहतरीन रचना.....
धैर्य और विवेक
जवाब देंहटाएंरखना होगा अपने संग
तो खुद-ब-खुद
आ जाएगा जीने का ढंग!!
जीवन का सार .....बस इतना ही....!!
सुन्दर रचना , बधाई ,
जवाब देंहटाएंसादर
मन की व्यग्रता को बड़े सशक्त बिम्बों में चित्रित किया है आपने...उत्कृष्ट..
जवाब देंहटाएं