तीन दिनों के लिए बाहर जा रहा हूँ!
मैंने रचनाओं को शैड्यूल कर दिया है,
जो रोज प्रकाशित होती रहेंगी!
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सरसों फूली, टेसू फूले,
जवाब देंहटाएंआम-नीम बौराये हैं।
मक्खी, मच्छर भी होली का,
गीत सुनाने आये हैं।
साथ चाँदनी रात लिए, होली आई है।
रंगों की बरसात लिए, होली आई है।।
ऋतु परिवर्तन सहज रूप समझाता अच्छा बाल गीत लय ताल लिए मौसम का उन्माद लिए .
होली आई, यह मौसम और आपकी कविता से प्रतीत होने लगा है...
जवाब देंहटाएंholi ka aagaaj to aapne kar diya.bahut sundar rang birangi post.mubarak ho.
जवाब देंहटाएंholi ki taeyari aarambha ho gai .............
जवाब देंहटाएंholi parv ki hardik shubhkamnayen !
जवाब देंहटाएंहोली आने की सूचना आपने अच्छी रचना के माध्यम से दी आभार
जवाब देंहटाएंवाह!!!
जवाब देंहटाएंआपकी कमी आप महसूस होने ना देंगे???
रंगबिरंगी रचना भायी...
होली आपके जीवन को खुशी के रंगों से सराबोर कर दे..
सादर.
होली आई होली आई,
जवाब देंहटाएंरंग रगीली रचना भायी,
शास्त्री जी आपने तो होली के
पहले ही रंग फेकना शुरू कर दिया,
चलिए हम भी होली की एडवांस बधाई दे देते है,बहुत२ बधाई ,.....
माहौल बन रहा है होली का।
जवाब देंहटाएंबहुत खूब।
अभी से होली का रंग जमा दिए आप तो......
जवाब देंहटाएंवातावरण में होली के रंग बिखरने लगे हैं।
जवाब देंहटाएंवाह! वाह! होलियाना हो गया माहौल...
जवाब देंहटाएंसुन्दर रचना सर.
सादर.
होली के इस गीत ने उत्साह भर दिया है ..पर मच्छर मक्खी की उपस्थिति के लिए भी चेता दिया है... बहुत खूब..
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