जिसमें
नींद चैन की आती।
वो
मच्छर-दानी कहलाती।।
लाल-गुलाबी
और हैं धानी।
नीली-पीली
बड़ी सुहानी।।
छोटी, बड़ी और दरम्यानी।
कई
तरह की मच्छर-दानी।।
इसको
खोलो और लगाओ।
बिस्तर
पर सुख से सो जाओ।।
जब
ठण्डक कम हो जाती है।
गरमी
और बारिश आती है।।
तब
मच्छर हैं बहुत सताते।
भिन-भिन
करके शोर मचाते।।
खून
चूस कर दम लेते हैं।
डेंगू-फीवर
कर देते हैं।।
मच्छर
से छुटकारा पाओ।
मच्छरदानी
को अपनाओ।।
|
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शुक्रवार, 26 अप्रैल 2013
"मच्छरदानी को अपनाओ" (डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री ‘मयंक’)
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सुन्दर कविता !!
जवाब देंहटाएंमच्छर से खुद ही बच जाओ।
जवाब देंहटाएंआपकी इस प्रविष्टी की चर्चा शनिवार (27 -4-2013) के चर्चा मंच पर भी है ।
हटाएंसूचनार्थ!
सही सुझाव, मच्छरों से बचने का सबसे सुंदर उपाय।
जवाब देंहटाएं............
एक विनम्र निवेदन: प्लीज़ वोट करें, सपोर्ट करें!
सही बात कही सर! मच्छरदानी से बेहतर कुछ नहीं।
जवाब देंहटाएंसादर
बिल्कुल सच कहा आपने
जवाब देंहटाएंवाह .......... बेहतरीन
waah waah ...bahut khoob
जवाब देंहटाएंकमाल की है ये मच्छरदानी .....बहुत खूब
जवाब देंहटाएंवाह कितनी सहजता से आपने मच्छर दानी की जानकारी दी है
जवाब देंहटाएंसुंदर शब्द चित्र के साथ
उत्कृष्ट
आभार साझा करने के लिये
Bahut Badhiya Kavita
जवाब देंहटाएंठीक कहा है भय्या !
जवाब देंहटाएंरात दिवस ये निगोड़े , मच्छर करते तंग |
पकड़ में भी आते नहीं , क्या करें अब ढंग ||
क्या करें अब ढंग, लगायें मच्छर दानी |
रखें गे मच्छर दूर, बात यह मन में ठानी |
करें नाश हम इनका ,करते हमें विवश ये |
जन्म जन्म के शत्रु, सताते रात दिवस ये !!
बहुत ही उपयोगी और लाभकारी सुझाव कविता के माध्यम से,आपका आभार आदरणीय.
जवाब देंहटाएंमच्छरदानी से बेहतर और सुरक्षित कोई दूसरा साधन नहीं है. सुंदर कविता...
जवाब देंहटाएंवाह बाल कविता /गीत के माध्यम से डेंगू फीवर से बचाव का काव्यात्मक नुस्खा .
जवाब देंहटाएंये बेटियाँ ही शिव शक्तियां हैं बेहतरीन भाव अर्थ और राग लिए गीत
जवाब देंहटाएंघर घर में होती है जिनकी पूजा ,चेतन में वो देवियाँ आ गईं ,
शिव शक्तियां आ गईं .
बन ज्ञान गंगा वो अमृत पिलाएं ,वो उमा बनके उमंग को बढ़ाएं ,
वो सर्व की प्यास बुझा रही हैं .
शिव शक्तियां आ गईं .
धरती पे शिव शक्तियां आ गईं .
वो ज्ञान नेत्र बनके भी मीनाक्षी ,
बनाएं वो शीतल वो हैं शीतला भी ,
सृष्टि पे स्वर्ग बना रहीं हैं ,
शिव शक्तियां आ गईं ....
धरती पे शिव शक्तियां आ गईं .
वो दुर्गा बन दुर्गुणों को मिटाएं ,वो काली बन सब कर्मों को हटाएं ,
वो संतोषी संतुष्ट बना रहीं हैं .
शिव शक्तियां आ गईं ,धरती पे शिव शक्तियां आ गईं .
वो लक्ष्मी बनकर ज्ञान धन को लुटाएं ,
वो सरस्वती बन ,ज्ञान वीणा सुनाएं ,
वरदानों को वर्षा रहीं हैं .
शिव शक्तियां आ गईं .....
धरती पे शिव शक्तियां आ गईं ,
घर घर में होती है जिनकी पूजा ,
चेतन में वो देवियाँ आ गईं .
शिव शक्तियां आ गईं .
वाह ..मच्छरदानी की उपयोगिता .:)
जवाब देंहटाएंवाह..मज़ा आ गया मच्छरदानी महिमा पढ के :)
जवाब देंहटाएंबढ़िया बाल कविता
जवाब देंहटाएं