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बधाइयाँ बहुत बहुत बधाइयाँ,
जवाब देंहटाएंबदल आये तो अब बरखा भी आएगी !
अपने साथ ढेरो खुशियाँ भी लाएगी !
बहुत खूबसूरत गीत...पर अभी हम दिल्लीवासी तो तरस रहे हैं यह नज़ारा देखने को....आपकी रचना से कल्पना में ही सही मन आनंदित कर लिया .
जवाब देंहटाएंguru ji aagrah kar kuych badal delhi bhi bhijwaa dijiye!
जवाब देंहटाएंवाह वाह्………………यहाँ भी आये और थोडी राहत दे गये बादल्………………बहुत सुन्दर कविता।
जवाब देंहटाएंयहां तो पिछले 6 दिन से बादलों की कृपा हो रही है!
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर कविता जी धन्यवाद
जवाब देंहटाएंवाह.. वाह शास्त्री जी
जवाब देंहटाएंइधर छत्तीसगढ़ में दो दिनों ठीक-ठाक बारिश हो रही है। आपकी रचना को पढ़कर मैं बादलों के कामकाज के बारे में सोचने लगा हूं। किसी शायर ने बादलों को आवारा की संज्ञा भी दी है। शायद शायर ने ठीक ही कहा हो।
आज तो खूब वर्षा हो रही है।
जवाब देंहटाएंबेहद ख़ूबसूरत कविता! सुन्दर प्रस्तुती!
जवाब देंहटाएंखूबसूरत वर्षा गीत
जवाब देंहटाएंबेहद ख़ूबसूरत कविता
जवाब देंहटाएं