सबसे पहले देखिए यह दोहा मास सितम्बर में सभी, करते हिन्दी गान। बाकी ग्यारह माह में, अंग्रेजी बलवान।। |
अब इस गीत को सुनिए- अर्चना चावजी के स्वर में! |
भारतमाता के सुहाग की, जो है पावन बिन्दी। भोली-भाली सबसे प्यारी, है अपनी भाषा हिन्दी।। भरी हुई है वैज्ञानिकता, व्यञ्जन और स्वरों में, उच्चारण में बहुत सरलता, इसके सभी अक्षरों में, ब्रज-गोकुल में बसी हुई हो, बनकर तुम कालिन्दी। भोली-भाली सबसे प्यारी, है अपनी भाषा हिन्दी।। सन्तों के कण्ठों से उपजी, मीठी-मीठी सुरसवती हो, वीणा की झंकार सुनाती, सरस्वती सी सरसवती हो, शीतल मन्द सुगन्ध पवन सी तुम बयार हो आनन्दी। भोली-भाली सबसे प्यारी, है अपनी भाषा हिन्दी।। अपनी हिन्दी भाषा का, कण-कण वन्दन करता है, देवनागरी का जन-गण, मन से अभिनन्दन करता है, इतना होने पर भी इंग्लिश भारत में क्यों जिन्दी? भोली-भाली सबसे प्यारी, है अपनी भाषा हिन्दी।। |
अर्चनी जी की मधुर आवाज़ में गाना सुनकर बहत अच्छा लगा!
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर गीत प्रस्तुत किया है आपने! लाजवाब!
वाह, बहुत ही सुन्दर कविता। उससे भी सुन्दर गान।
जवाब देंहटाएंबढ़िया शास्त्री जी !
जवाब देंहटाएंअर्चना जी की आवाज़ और आपका गीत साथ मे दोहा चार चाँद लग गये हैं…………………बहुत सुन्दर प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंभाई राजेन्द्र स्वर्णकार जी!
जवाब देंहटाएंध्यान दिलाने के लिए आभार!
हुआ यह कि नेट खराब है। इसलिए मोबाइल से नेट चलाना पड़ रहा है!
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दोहा छंद वास्तव में गलत हो गया था!
कारण जल्दीबाजी ही रहा होगा!
बहुत सुंदर प्रस्तुति...
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया प्रस्तुति ...
जवाब देंहटाएंसुन्दर सारगर्भित प्रस्तुति !
जवाब देंहटाएंएक अच्छा तोहफा हम लोगों के लिये.
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया.
जवाब देंहटाएंमास सितम्बर में सभी, करते हिन्दी गान।
जवाब देंहटाएंबाकी ग्यारह माह में, अंग्रेजी बलवान।।
ये बात सोलह आने सच है
अर्चना जी की आवाज़ आवाज़ में गीत लाजवाब लगा!
अर्चनी जी की मधुर आवाज सुन कर मजा आ गया, कविता ओर दोहा दोनो ही बहुत अच्छे लगे, धन्यवाद
जवाब देंहटाएंtoo gud!
जवाब देंहटाएंबहुत बढिया,
जवाब देंहटाएंरामराम
बढ़िया दोहा, उम्दा रचना और मधुर गायन!!
जवाब देंहटाएंhindi bhasha ke upar aapne laajabab likha hai.aur gaan sunkar to maja doguna ho gaya.aapko badhai.
जवाब देंहटाएंbahut sundar ...sab kuch bahut accha hai.
जवाब देंहटाएंAabhar
http://anushkajoshi.blogspot.com/
अर्चना जी के मधुर स्वर और सुंदर रचना बहुत अच्छी लगी |बहुत बहुत बधाई |
जवाब देंहटाएंआशा
आदरणीय शब्द ॠषि शास्त्रीजी
जवाब देंहटाएंऔर
आदरणीया स्वर कोकिला अर्चना चावजी को विशेष बधाई !
शब्द और स्वर के संगम से अद्भुत आनन्द की उत्पत्ति हुई है , जिसकी अनुभूति से मैं स्वयं को धन्य मानता हूं ।
आपके बड़प्पन के आगे नतमस्तक हूं ।
शुभकामनाओं सहित …
- राजेन्द्र स्वर्णकार
हिंदी दिवस के अवसर पर अर्चनी जी की मधुर आवाज़ और आपके गीत का संगम बहुत ही बढ़िया...सार्थक एवं प्रेरक रहा
जवाब देंहटाएंसार्थक गीत का स्वागत है
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