सज्जनता का ओढ़ लबादा, घूम रहे शैतान! संकट में है हिन्दुस्तान! संकट में है हिन्दुस्तान!! द्वारे-द्वारे देते दस्तक, टेक रहे हैं अपना मस्तक, याचक बनकर माँग रहे हैं, ये वोटों का दान! संकट में है हिन्दुस्तान! संकट में है हिन्दुस्तान!! कोई अपना हाथ दिखाता, कोई हाथी के गुण गाता, कोई खुशी के कमल खिलाता, कोई घड़ी का समय बताता, गैससिलिण्डर, साइकिल. चूल्हा, सबके अलग निशान! संकट में है हिन्दुस्तान! संकट में है हिन्दुस्तान!! जीवन भर गद्दारी करते, भोली जनता का मन हरते, मक्कारी से कभी न डरते, फर्जी गणनाओं को भरते, खर्च करोड़ों का करते हैं, ये हैं बे-ईमान। संकट में है हिन्दुस्तान! संकट में है हिन्दुस्तान!! सोच-समझकर बटन दबाना, इनके झाँसे में मत आना, घोटाले करने वालों को, कभी न कुर्सी पर बैठाना, मत देने से पहले, लेना सही-ग़लत पहचान! संकट में है हिन्दुस्तान! संकट में है हिन्दुस्तान!! |
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शुक्रवार, 20 जनवरी 2012
"घूम रहे शैतान" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री "मयंक")
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बहुत सही और सटीक .आज की व्यवस्था पर करारी चोट...
जवाब देंहटाएंgiddh ab safedposh ho gaye
जवाब देंहटाएंsaarthak sateek rachnaa
बहुत ही अच्छी प्रस्तुति ।
जवाब देंहटाएंमत देने से पहले,
जवाब देंहटाएंलेना सही-ग़लत पहचान!
..सारे ही गलत हैं...अब क्या किया जाये???
जो सही है वो भी कुर्सी पाते गिरगिट बन जाते हैं.
सार्थक रचना सर.
सादर.
कोई कुछ भी कहे पर सच्चाई यही है।
जवाब देंहटाएंआभार।
जीवन भर गद्दारी करते,
जवाब देंहटाएंभोली जनता का मन हरते,
मक्कारी से कभी न डरते,
फर्जी गणनाओं को भरते,
खर्च करोड़ों का करते हैं,
ये हैं बे-ईमान।
संकट में है हिन्दुस्तान!
संकट में है हिन्दुस्तान!!
Aam aadmi ise samajh paata , kaash !
सच कहती रचना सार्थक प्रस्तुति ...समय मिले कभी तो आयेगा मेरी पोस्ट पर आपका सवागत है http://mhare-anubhav.blogspot.com/
जवाब देंहटाएंइस संकट से देश को कोई समाधान मिले
जवाब देंहटाएंसही समय पर सही बात की है आपने। धन्यवाद आपकी काव्यमयी सलाह के लिये।
जवाब देंहटाएंसादर
Nice .
जवाब देंहटाएंमहापुरुष चाहते यह थे कि लोग उनके दिखाए मार्ग पर चलें.
sarthak rachana....
जवाब देंहटाएंअब क्या बताएं...नागनाथ और सांपनाथ में किसे चुने...विकट समस्या है...
जवाब देंहटाएंशास्त्री जी आप्किकवितायें तो मुझे बहुत ही अच्छी लगती हैं..
जवाब देंहटाएंkalamdaan.blogspot.com
आपसे नाराज हो जायेंगे निशानची... :D
जवाब देंहटाएंअच्छी प्रस्तुति,बहुत सुंदर रचना,....
जवाब देंहटाएंnew post...वाह रे मंहगाई...
चुनाव से पहले सही सलाह .. पर कुर्सी पाते ही सब एक से हो जाते हैं
जवाब देंहटाएंशानदार पोस्ट है आज की, चुनाव से पूर्व सरल भाषा में सही सलाह है |
जवाब देंहटाएंमौजूदा दौर पर सटीक उतरती रचना।
जवाब देंहटाएंजब सारे ही बेईमान है तो बेचारी जनता किसे वोट देगी?
जवाब देंहटाएंआपकी पोस्ट ब्लोगर्स मीट वीकली (२८) में शामिल की गई है /आप इस मंच पर पधारिये/और अपने विचारों से हमें अवगत करिए /आपका आशीर्वाद हमेशा इस ब्लोगर्स मीट को मिलता रहे यही कामना है /आभार /लिंक है /
जवाब देंहटाएंhttp://www.hbfint.blogspot.com/2012/01/27-frequently-asked-questions.html