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shandar post hae .prakrati ke anusar dhala jivan ,sundar varnan hae sir.
जवाब देंहटाएंparvartiy mahilaon ki mehnat ko salam !
जवाब देंहटाएंLIKE THIS PAGE AND WISH OUR INDIAN HOCKEY TEAM FOR LONDON OLYMPIC
सार्थक पोस्ट, आभार.
जवाब देंहटाएंदेती हैं सन्देश जगत को,
जवाब देंहटाएंजीवन श्रम के लिए बना है।।
सार्थक रचना ....!!
पहाड़ पर महिलाओं का जीवन बहुत ही श्रम-साध्य है. कविता में सुन्दर वर्णन.
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर
जवाब देंहटाएंक्या बात है
बहुत सुन्दर वाह!
जवाब देंहटाएंआपकी यह ख़ूबसूरत प्रविष्टि कल दिनांक 09-04-2012 को सोमवारीय चर्चामंच पर लिंक की जा रही है। सादर सूचनार्थ
बस श्रम करते जाना है।
जवाब देंहटाएंबेहतरीन भाव पुर्ण प्रस्तुति,सुन्दर सार्थक रचना...
जवाब देंहटाएंRECENT POST...फुहार....: रूप तुम्हारा...
शब्द चयन -सुन्दर
जवाब देंहटाएंभाव -प्रभावशाली |
बहाव- लाजवाब ||
मौलिक सृजन मौलिक हाथों से सुन्दर लगा ......बधाईयाँ जी /
जवाब देंहटाएंसार्थक रचना .....
जवाब देंहटाएंबहुत बढिया रचना। बधाई स्वीकारें।
जवाब देंहटाएंदुनिया में रहना है तो काम करो प्यारे...
जवाब देंहटाएंडाउनलोड ब्लॉग :
जवाब देंहटाएंhttp://aed280e5.allanalpass.com
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पर अजगर करे न चाकरी अफ़सर करे न काम
जवाब देंहटाएंपहाड़ को भी
जवाब देंहटाएंपहाड़ की नारी को भी
को सब देखते
उसके बाद
सब उतर के मैदानो
को निकल लेते हैं।
़़़़़
मुद्दा वाकई ज्वलंत है।
Nice poem.
जवाब देंहटाएंWelcome to Bloggers' Meet weekly 38
http://www.hbfint.blogspot.in/2012/04/38-human-nature.html
दुनियादारी के जंगल में,
जवाब देंहटाएंचुनना होता पथ अपना है।
देती हैं सन्देश जगत को,
जीवन श्रम के लिए बना है।।
बहुत ही बढि़या ...
सच है पहाड़ की महिलाएं बहुत मेहनती होती हैं.. सार्थक संदेश देती सुन्दर रचना.....
जवाब देंहटाएंSexy Blog:
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दुनियादारी के जंगल में,
जवाब देंहटाएंचुनना होता पथ अपना है।
देती हैं सन्देश जगत को,
जीवन श्रम के लिए बना है।।
श्रम का मूर्त रूप है नारी पहाड़ की .
भारत में काम करने वाली महिला की स्थिति आज भी दयनीय हैं ...जबकि चीन और थाईलैंड की १००% महिलाएं काम करती हैं ..तो लोग उन्हें इज्ज़त की नज़र से देखते हैं ....आज भी ये भेदभाव बना हुआ हैं ....
जवाब देंहटाएं