आखिरकार हमने भी नैनो ले ही ली! घर में एक बाइक, एक स्कूटर और एक ज़ेन-स्टिलो कार पहले से ही थी। बड़े बेटे की पोस्टिंग देहरादून में हो गयी और वह मोटरसाइकिल वहाँ ले गया। अब घर में दोपहिया वाहन में केवल एक स्कूटर ही बचा। इसपर मैंने कहा कि अब तुमने अपनी पसन्द की शादी भी कर ली है तो तुमको "नैनो" लेकर दे देते हैं। छोटी पुत्रवधु पल्लवी और मेरी धर्मपत्नि अमरभारती नैनो का स्वागत करती हुईं। छोटे पुत्र विनीत को तिलक लगाकर मिठाई खिलाते हुए पल्लवी और अमरभारती। श्रीमती जी ने हमें भी तिलक लगाया। अब हमने भी नैनों का जायजा लिया। नैनों के साथ हम दोनों ने फोटो भी खिंचवाये। पल्लवी, विनीत और श्रीमती जी नैनो पाकर कितने खुश हैं। |
"उच्चारण" 1996 से समाचारपत्र पंजीयक, भारत सरकार नई-दिल्ली द्वारा पंजीकृत है। यहाँ प्रकाशित किसी भी सामग्री को ब्लॉग स्वामी की अनुमति के बिना किसी भी रूप में प्रयोग करना© कॉपीराइट एक्ट का उलंघन माना जायेगा। मित्रों! आपको जानकर हर्ष होगा कि आप सभी काव्यमनीषियों के लिए छन्दविधा को सीखने और सिखाने के लिए हमने सृजन मंच ऑनलाइन का एक छोटा सा प्रयास किया है। कृपया इस मंच में योगदान करने के लिएRoopchandrashastri@gmail.com पर मेल भेज कर कृतार्थ करें। रूप में आमन्त्रित कर दिया जायेगा। सादर...! और हाँ..एक खुशखबरी और है...आप सबके लिए “आपका ब्लॉग” तैयार है। यहाँ आप अपनी किसी भी विधा की कृति (जैसे- अकविता, संस्मरण, मुक्तक, छन्दबद्धरचना, गीत, ग़ज़ल, शालीनचित्र, यात्रासंस्मरण आदि प्रकाशित कर सकते हैं। बस आपको मुझे मेरे ई-मेल roopchandrashastri@gmail.com पर एक मेल करना होगा। मैं आपको “आपका ब्लॉग” पर लेखक के रूप में आमन्त्रित कर दूँगा। आप मेल स्वीकार कीजिए और अपनी अकविता, संस्मरण, मुक्तक, छन्दबद्धरचना, गीत, ग़ज़ल, शालीनचित्र, यात्रासंस्मरण आदि प्रकाशित कीजिए। |
Linkbar
फ़ॉलोअर
गुरुवार, 19 अप्रैल 2012
"हमारी नैनो" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
लोकप्रिय पोस्ट
-
दोहा और रोला और कुण्डलिया दोहा दोहा , मात्रिक अर्द्धसम छन्द है। दोहे के चार चरण होते हैं। इसके विषम चरणों (प्रथम तथा तृतीय) मे...
-
लगभग 24 वर्ष पूर्व मैंने एक स्वागत गीत लिखा था। इसकी लोक-प्रियता का आभास मुझे तब हुआ, जब खटीमा ही नही इसके समीपवर्ती क्षेत्र के विद्यालयों म...
-
नये साल की नयी सुबह में, कोयल आयी है घर में। कुहू-कुहू गाने वालों के, चीत्कार पसरा सुर में।। निर्लज-हठी, कुटिल-कौओं ने,...
-
समास दो अथवा दो से अधिक शब्दों से मिलकर बने हुए नए सार्थक शब्द को कहा जाता है। दूसरे शब्दों में यह भी कह सकते हैं कि ...
-
आज मेरे छोटे से शहर में एक बड़े नेता जी पधार रहे हैं। उनके चमचे जोर-शोर से प्रचार करने में जुटे हैं। रिक्शों व जीपों में लाउडस्पीकरों से उद्घ...
-
इन्साफ की डगर पर , नेता नही चलेंगे। होगा जहाँ मुनाफा , उस ओर जा मिलेंगे।। दिल में घुसा हुआ है , दल-दल दलों का जमघट। ...
-
आसमान में उमड़-घुमड़ कर छाये बादल। श्वेत -श्याम से नजर आ रहे मेघों के दल। कही छाँव है कहीं घूप है, इन्द्रधनुष कितना अनूप है, मनभावन ...
-
"चौपाई लिखिए" बहुत समय से चौपाई के विषय में कुछ लिखने की सोच रहा था! आज प्रस्तुत है मेरा यह छोटा सा आलेख। यहाँ ...
-
मित्रों! आइए प्रत्यय और उपसर्ग के बारे में कुछ जानें। प्रत्यय= प्रति (साथ में पर बाद में)+ अय (चलनेवाला) शब्द का अर्थ है , पीछे चलन...
-
“ हिन्दी में रेफ लगाने की विधि ” अक्सर देखा जाता है कि अधिकांश व्यक्ति आधा "र" का प्रयोग करने में बहुत त्र...
बधाई शास्त्री जी ।
जवाब देंहटाएंनैनो जब आई थी तो हमारे भी नयनों में बस गई थी ।
बधाई |
जवाब देंहटाएंcharchamanch.blogspot.com
बधाई शास्त्री जी ।
जवाब देंहटाएंनैनो लेने हेतु हार्दिक शुभकामनायें।
जवाब देंहटाएंnano ki bahut-bahut badhayee......photo dekhkar achcha laga.
जवाब देंहटाएंaapki neno bahut pasand vaise bhi gadi ka laal rang mujhe bahut achcha lagta hai .aap sabhi ko badhaai.
जवाब देंहटाएंबधाई...सभी तस्वीर बहुत अच्छे लगे.
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत बधाई..................
जवाब देंहटाएंबधाई शास्त्री जी
जवाब देंहटाएंनैनो आ गई सदन में
जवाब देंहटाएंकरें स्वीकार बधाई जी।
अवसर है यह हर्ष का
कब होगी मिठाई जी।
बहुत बहुत बधाई
जवाब देंहटाएंबहुत२ बधाई शास्त्री जी,कार का रंग अच्छा लगा...
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत बधाई आपको और आपके परिवार को ....
जवाब देंहटाएंबहुत बधाई !
जवाब देंहटाएंनैनो की फोटो लगाई आपने यहां
जवाब देंहटाएंकुछ लड्डुओं की भी लगा देते
खिलाते कैसे इतनी दूर से दिखा देते
नैनो देख ली हमने अब आपकी
बैठा के कविता में ही घुमा देते।
बधाईयां !!!!
बहुत बहुत बधाई शास्त्री जी ! नैनो तो खूबसूरत है ही आपके परिवार के सदस्यों से मिल कर भी बहुत प्रसन्नता हुई !
जवाब देंहटाएंशुभकामनाये ||
जवाब देंहटाएंनव नैनो की नवल शुभकामनायें।
जवाब देंहटाएंबधाई शास्त्री जी ।
जवाब देंहटाएंबधाई.
जवाब देंहटाएंकृपया मेरे ब्लॉग"meri kavitayen" की १५० वीं पोस्ट पर पधारें और अब तक मेरी काव्य यात्रा पर अपनी राय दें, आभारी होऊंगा .
मुबारक स्वीकार करें!
जवाब देंहटाएंबहुत-बहुत बधाई सहित शुभकामनाएं ।
जवाब देंहटाएंबधाई हो शास्त्री जी!...नैनो की रिपोर्ट बहुत अच्छी आई है!...
जवाब देंहटाएं
जवाब देंहटाएंवो खूसट जब मरेगा न तो उसकी अर्थी इसी में ले के जानी चाहिए, उसे भी पता चले कि ये तेल से नहीं धक्के से चलती है.....