समझ न पाया आजतक, क्या होता भूगोल! घोटालों में दब गये, मुद्दे सब अनमोल!! चार दिनों की चाँदनी, उसके बाद अँधेर। जल्दी-जल्दी लूट ले, क्यों करता है देर।। जो कुछ है अब घट रहा, वो होगा इतिहास। क्या होगा परिणाम कल, इसका है आभास।। गान्धी जी के देश में, रावण करते राज। कारागृह में बन्द हैं, राम-लक्ष्मण आज।। राम राज का स्वप्न अब, कैसे हो साकार। नीचे से ऊपर तलक, छाया भ्रष्टाचार।। |
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गुरुवार, 14 जुलाई 2011
"आज के दोहे" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री "मयंक")
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नमस्कार! बहुत सटीक दोहे
जवाब देंहटाएंसंवेदनापरक दोहे।
जवाब देंहटाएंराम राज्य में सीता हुई वनवासी
जवाब देंहटाएंगाँधी के वक़्त में भगत को लगी फांसी
कौन से युग में
किसी का कब हुआ भला
जो अब होगा ...........आभार
bahut uttam sateek dohe maja aa gaya padhkar.vicharniye sthiti ko rubaroo karate dohe.
जवाब देंहटाएंराम राज का स्वप्न अब, कैसे हो साकार।
जवाब देंहटाएंनीचे से ऊपर तलक, छाया भ्रष्टाचार।।
बेजोड़ शास्त्री जी। दो लाइन में जो बात कह दी जाती है, वह लंबी कविता में भी नहीं मिलती। मुझे यह विधा सीखना है।
सटीक दोहे.
जवाब देंहटाएं"सदाबहार दोहे!"
जवाब देंहटाएंगान्धी जी के देश में, रावण करते राज।
जवाब देंहटाएंकारागृह में बन्द हैं, राम-लक्ष्मण आज।।
बहुत सारगर्भित सुन्दर दोहे ...
बहुत सारगर्भित सुन्दर दोहे ...आभार
जवाब देंहटाएंबढ़िया दोहे।
जवाब देंहटाएंसटीक और सार्थक दोहे ..
जवाब देंहटाएंसुन्दर दोहों की लगी, लम्बी बड़ी कतार |
जवाब देंहटाएंअपने पर ही बोझ ये, नालायक सरकार ||
दोहे को ऐसा दुहा, जैसे दुहते गाय!
जवाब देंहटाएंएक-एक दोहा अमृत है, जैसे होती चाय !!
अदभुद दोहे ...हर दोहा चकित कर रहा है
जवाब देंहटाएंचार दिनों की चाँदनी, उसके बाद अँधेर।
जवाब देंहटाएंजल्दी-जल्दी लूट ले, क्यों करता है देर।।
सत्य दर्शाते दोहे हैं गुरु जी!
आज गुरु पूर्णिमा के अवसर पर आपको शत शत प्रणाम मेरी तरफ से!
लाजवाब दोहे गुरुजी
जवाब देंहटाएंआज की व्यथा को जताते हुये
गुरु पूर्णिमा के अवसर पर आपको शत शत प्रणाम मेरी तरफ से!
आज के दोहे बेमिसाल....
जवाब देंहटाएंउपमेय - उपमान का समीकरण बेजोड़
दस रस अब तक थे सुने,ग्यारह्वाँ-"झंझोड़".
तब भी डायनासौर थे , अब भी डायनासौर
तब के बड़े भयानक थे, अब के हैं सिरमौर.
बढ़िया और सटीक दोहे.
जवाब देंहटाएंबहुत ही अच्छा लिखा है आपने सत्य है इन बेईमानो का नाम इतिहास मे काले अक्षरो से लिखा जायेगा
जवाब देंहटाएंजो कुछ है अब घट रहा, वो होगा इतिहास।
जवाब देंहटाएंक्या होगा परिणाम कल, इसका है आभास।।
शानदार और सटीक दोहे !
आप तो दोहा विधा में प्रवीण हैं शास्त्री जी कई बार आपके द्वारा रचित दोहे पढ़ चुकी हूँ। बहुत अच्छे दोहे धन्यवाद।
जवाब देंहटाएंबेहद सटीक...
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