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सावन सजीला।
जवाब देंहटाएंछिप गया चन्दा गगन में, हो गया मज़बूर सूरज
जवाब देंहटाएंपर्वतों की गोद में से बह गया कमजोर टीला
बाँटती सुख सभी को बरसात की भीनी फुहारें
बरसता सावन सुहाना हो गया चौमास गीला
.
अति सुंदर और नज़ारे तो ऐसे हैं दिल चाहता है अभी उड़ के पहुँच जाऊं .
bahut hi manbhavan geet bahut sunder.aankhon ke samaksh saara drashya sakar ho gaya.badhaai aapko.
जवाब देंहटाएंआपने तो हरियाली तीज का मनोहारी सचित्र दृश्य उपस्थित कर दिया शास्त्री जी.
जवाब देंहटाएंहरियल तीज हमारे यहां हरेली नाम से मनाया जाता है हो सकता है यह अलग ही त्योहार भी हो
जवाब देंहटाएंबरसात की बेहद ख़ूबसूरत अभिव्यक्ति...
जवाब देंहटाएंSUNDER TYOHAAR PAR ATI SUNDER GAZAL
जवाब देंहटाएंसुन्दर...अतिसुन्दर...मनभावन
जवाब देंहटाएंपड़ गये झूले पुराने नीम के उस पेड़ पर
जवाब देंहटाएंपास के तालाब से मेढक सुनाते सुर-सुरीला
क्या बिम्ब खींचा है आपने शास्त्री जी!
आनंद आ गया।
छिप गया चन्दा गगन में, हो गया मज़बूर सूरज
जवाब देंहटाएंपर्वतों की गोद में से बह गया कमजोर टीला
बाँटती सुख सभी को बरसात की भीनी फुहारें
बरसता सावन सुहाना हो गया चौमास गीला
.
अति सुंदर और नज़ारे तो ऐसे हैं दिल चाहता है अभी उड़ के पहुँच जाऊं .
Sahmat.
बाँटती सुख सभी को बरसात की भीनी फुहारें
जवाब देंहटाएंबरसता सावन सुहाना हो गया चौमास गीला...
ख़ूबसूरत पंक्तियाँ! मन प्रसन्न हो गया! बड़ा ही मनभावन गीत!
पड़ गये झूले पुराने नीम के उस पेड़ पर
जवाब देंहटाएंपास के तालाब से मेढक सुनाते सुर-सुरीला
shandar prstuti..bachpan ki yaad taaja ho gayi
सुन्दर...अतिसुन्दर...मनभावन
जवाब देंहटाएंmohak!
जवाब देंहटाएं