आज रामनवमी के अवसर पर मेरे नगर खटीमा में उत्तराखण्ड के विधानसभाध्यक्ष मा. गोविन्द सिंह कुंजवाल पधारे! उल्लेखनीय है कि उत्तराखण्ड में माननीय पं. नारायण दत्त तिवारी की सरकार में 2002 से 2005 तक आदरणीय गोविन्द सिंह कुंजवाल जी उद्यान मन्त्री रहे थे। उस समय मैं (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री) उत्तराखण्ड सरकार के अन्य पिछड़ा वर्ग आयोग में सदस्य पद पर आसीन था। आयोग से सन् 2008 में अपना कार्यकाल पूरा करने के उपरान्त मैं साहित्य सेवा में लग गया। मुझे इसका प्रतिफल यह मिला कि मेरी 4 पुस्तकें १- सुख का सूरज २- नन्हे सुमन ३- धरा के रंग ४- हँसता गाता बचपन प्रकाशित हो गईं। इन पुस्तकों को मैंने मा. गोविन्द सिंह कुंजवाल (विधानसभाध्यक्ष-उत्तराखण्ड सरकार) को सप्रेम भेंट किया। साथ में खटीमा के विधायक मा. पुष्कर सिंह धामी भी बायीं ओर स्थित हैं। |
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रविवार, 1 अप्रैल 2012
"रपट-विधानसभाध्यक्ष खटीमा पधारे" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
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शुभकामनायें ||
जवाब देंहटाएंबधाई ,मान हमारा भी बढ़ता है .
जवाब देंहटाएंबधाई ,मान हमारा भी बढ़ता है .
जवाब देंहटाएंबहुत२ बधाई...शुभकामनाए....
जवाब देंहटाएंbahut bahut badhaai.
जवाब देंहटाएंbahut bahut badhai .
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत बधाई।
जवाब देंहटाएंहिस्सा शासन का रहे, गुरुवर सालो-साल ।
जवाब देंहटाएंशुभ कर्मों ने था किया, सेवा मदद धमाल ।
सेवा मदद धमाल, कभी न जाते खाली ।
हो सहाय हर हाल, हमारी खप्पर वाली ।
रविकर का अनुमान, सुनेगा पिछला किस्सा ।
गुरु गुणों की खान, बने शासन का हिस्सा ।
ढेर सारी शुभकामनाएँ शास्त्री जी...
जवाब देंहटाएंआप हमारे प्रेरणा स्त्रोत हैं...
आशीर्वाद बनाये रखें.
सादर
बधाई हो शास्त्री जी!
जवाब देंहटाएंआपको पुनः सरकार में दायित्व जरूर मिलेगा।
आदरणीय शास्त्री जी ,बधाईयाँ , एक कथ्यांश मुझे याद आता है -
जवाब देंहटाएं"कविता करके तुलसी न लसे ,कविता लसी पा तुलसी की कला "
आप वैसे ही किसी राज- सरोकार से ऊपर हैं ,अध्यात्म व साहित्य का सूरज कभी डूबता नहीं / आपके गौरव व मान को नमन करते हैं ..शुभकामनायें ../
बहुत - बहुत बधाई सहित शुभकामनाएं ।
जवाब देंहटाएंबहुत - बहुत बधाई
जवाब देंहटाएंशुभकामनायें|
जवाब देंहटाएंआपकी साहित्य सेवा यूँ ही गतिमान रहे।
जवाब देंहटाएं