रचना बिन अस्तित्व अधूरा लगता है।। प्रेम-रोग में गम का होना, जीवन का ये ही है रोना, प्रियतम बिन अपनत्व अधूरा लगता है। करुणा बिन करुणत्व अधूरा लगता है।। नालों का जहरीला पानी, लील रहा मासूम जवानी, जीवन बिन दायित्व अधूरा लगता है। करुणा बिन करुणत्व अधूरा लगता है।। बचपन बहुत सुहाना लगता, सुख का ठौर ठिकाना लगता, भाई बिन भ्रातृत्व अधूरा लगता है। करुणा बिन करुणत्व अधूरा लगता है।। माँ होती ममता की मूरत, सबसे प्यारी उसकी सूरत, ममता बिन मातृत्व अधूरा लगता है। करुणा बिन करुणत्व अधूरा लगता है।। |
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सोमवार, 9 जुलाई 2012
"अस्तित्व अधूरा लगता है" (डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
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बहुत सुन्दर अप्रतिम अनुपम गीत के लिए हार्दिक बधाई
जवाब देंहटाएंएक और उत्कृष्ट प्रस्तुति |
जवाब देंहटाएंमेरे लिए तो यह पंक्ति
-सर्वथा आनंद देने वाली है-
"रचना बिन अस्तित्व अधूरा लगता है। "
बहुत सुन्दर भावाभिव्यक्ति... सुन्दर रचना... :-).
जवाब देंहटाएंममता बिन मातृत्व अधूरा लगता है।करुणा बिन करुणत्व अधूरा लगता है।।
जवाब देंहटाएं...बहुत सुन्दर रचना!..माँ और बालक की सुन्दर तस्वीर कविता को सजीव चित्रित कर रही है!
नालों का जहरीला पानी,
जवाब देंहटाएंलील रहा मासूम जवानी,
जीवन बिन दायित्व अधूरा लगता है।
करुणा बिन करुणत्व अधूरा लगता है।।बहुत खुबसूरत भावपूर्ण अभिव्यक्ति..आभार..
करुणा बिन सर्वस्व अधूरा है.....आखिर मानव को मानव का दर्जा दिलाने वाला गुण यही तो है
जवाब देंहटाएंप्रभावित करती रचना .
जवाब देंहटाएंbahut hi acchi rachna .....
जवाब देंहटाएंdhanyawad aapka...
करुणा और प्रेम बिन सब कुछ अधुरा लगता है...
जवाब देंहटाएंअत्यंत सुन्दर प्रभावशाली रचना...
:-)
रचना बिन अस्तित्व अधूरा लगता है।
जवाब देंहटाएंलाजबाब पंक्तियाँ सुंदर रचना,,,,,
प्रभावशाली पंक्तियाँ.....
जवाब देंहटाएंमाँ होती ममता की मूरत,
जवाब देंहटाएंसबसे प्यारी उसकी सूरत,
ममता बिन मातृत्व अधूरा लगता है।
करुणा बिन करुणत्व अधूरा लगता है।।
शास्त्री जी बहुत सुन्दर ...सच में कुछ ख़ास कुछ को खास बना ही देता है बिन उसके सब कुछ अधूरा लगता है ..सुन्दर
भ्रमर ५
भ्रमर का दर्द और दर्पण
बहुत सुन्दर..
जवाब देंहटाएंइसे अधूरेपन को भरने में लगे मानवीय प्रयास..
जवाब देंहटाएंगर एक भी दिन आपकी रचना ना पढ़ें तो ये दिन अधूरा लगता है!
जवाब देंहटाएंबेहतरीन गुरु जी!
वाह ! खूबसूरत रचना !
जवाब देंहटाएंसचमुच ! बहुत सुन्दर रचना !
जवाब देंहटाएंसादर
कलमदान
नालों का जहरीला पानी,
जवाब देंहटाएंलील रहा मासूम जवानी,
जीवन बिन दायित्व अधूरा लगता है।
करुणा बिन करुणत्व अधूरा लगता है।।
जीवन अब बिन ब्लॉग अधूरा लगता है .
बिना आपके ,ब्लॉग अधूरा लगता है .
बढिया प्रस्तुति .
बेहद प्रभावशाली रचना
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर
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