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रविवार, 1 जुलाई 2012
"एक दिन कुँवर प्रणव सिंह के साथ" (डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
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बढिया है।
जवाब देंहटाएंआदरणीय शास्त्री जी ...इसी बहाने हम भी सब जगह का दर्शन कर लिए ...साहित्य ..राजनीति ..और कौन कौन सी नीति में हैं आप ..
जवाब देंहटाएंभ्रमर ५
क्या बात है!!
जवाब देंहटाएंआपकी यह ख़ूबसूरत प्रविष्टि कल दिनांक 02-07-2012 को सोमवारीय चर्चामंच-928 पर लिंक की जा रही है। सादर सूचनार्थ
जमा सितारे इक जगह, जमा रहे हैं रंग ।
जवाब देंहटाएंचैम्पियन के साथ से, जीत चुनावी जंग ।
लगता है आज कल चुनावी शिरकत ज्यादा बढ़ गई है,,,
जवाब देंहटाएंMY RECENT POST...:चाय....
पुन्य का काम है आवभगत करना . .बहुत सुन्दर है . बहुत बढ़िया प्रस्तुति .. .कृपया यहाँ भी पधारें -
जवाब देंहटाएंram ram bhai
रविवार, 1 जुलाई 2012
कैसे होय भीति में प्रसव गोसाईं ?
डरा सो मरा
http://veerubhai1947.blogspot.com/
बहुत सुंदर
जवाब देंहटाएंbadhiya prachaar!
जवाब देंहटाएंदोहा कविता छोड़ कर, करने लगे प्रचार
जवाब देंहटाएंबहुगुणा, को जिताने का बना रहे आधार
बना रहे आधार, लिया साथ चैम्पियन
गुरुद्वारा में घुमा,पहुच गए सितार गंज
विजय,शेखर,यशपाल,नेता थे भारी भारी
शास्त्री लगते,राजनीत के पुराने खिलाड़ी,,,
चर्चा मंच पर देखें,,,,
आप तो राजनीति भी करते हैं!
जवाब देंहटाएं