हम कमल हैं चरण-रज से खिल जायेगें! प्यार की ऊर्मियाँ तो दिखाओ जरा, संग-ए-दिल मोम बन कर पिघल जायेंगे!! फूल और शूल दोनों करें जब नमन, खूब महकेगा तब जिन्दगी का चमन, आप इक बार दोगे निमन्त्रण अगर, दीप खुशियों के जीवन में जल जायेंगे! प्यार की ऊर्मियाँ तो दिखाओ जरा, संग-ए-दिल मोम बन कर पिघल जायेंगे!! हमने पारस सा समझा सदा आपको, हिम सा शीतल ही माना है सन्ताप को, आप नज़रें उठाकर तो देखो जरा, सारे अनुबन्ध साँचों में ढल जायेंगे! प्यार की ऊर्मियाँ तो दिखाओ जरा, संग-ए-दिल मोम बन कर पिघल जायेंगे!! झूठा ख़त ही हमें भेज देना कभी, आजमा कर हमें देख लेना कभी, साज-संगीत को छेड़ देना जरा, हम तरन्नुम में भरकर ग़ज़ल गायेंगे! प्यार की ऊर्मियाँ तो दिखाओ जरा, संग-ए-दिल मोम बन कर पिघल जायेंगे!! |
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बुधवार, 4 मई 2011
"सारे अनुबन्ध साँचों में ढल जायेंगे" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री "मयंक")
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जितना सुन्दर गीत उतना ही सुन्दर गायन... शाश्त्री जी और अर्चनाजी दोनों को बधाई...
जवाब देंहटाएंफिर अच्छा लगा सुनना/पढ़ना.
जवाब देंहटाएंहमने तो पहली बार सुना अच्छा लगा आप दोनों को बधाई
जवाब देंहटाएंआपकी रचना को दोबारा पढ़ा और सुना भी, अच्छा लगा। अर्चना जी की आवाज़ मुतास्सिर करती है।
जवाब देंहटाएंशुक्रिया।
http://mankiduniya.blogspot.com/
खूबसूरत गीत , सुमधुर आवाज़.
जवाब देंहटाएंजितना सुन्दर गीत उतना ही सुन्दर गायन..
जवाब देंहटाएंis abhinav geet ko kitni baar bhi padhen...man nahin bharta
जवाब देंहटाएंsachmuch sundar rachna !
सुन्दर गीत का मधुर गायन, आप दोनों को बहुत बधाई।
जवाब देंहटाएंशब्द और स्वर दोनों प्रभावित करते हैं..... आपको और अर्चना जी को बधाई
जवाब देंहटाएंbahut hi sunder geet hai maine to pahli baar hi suna hai.saraahniye,rochak.
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत आभार आपका...
जवाब देंहटाएंसाँचों में ढल जायेंगे!प्यार की ऊर्मियाँ तो दिखाओ जरा,संग-ए-दिल मोम बन कर पिघल जायेंगे!!
जवाब देंहटाएं...वाह! खूबसूरत गीत.. सुमधुर आवाज़...प्रस्तुति के लिए आभार
शास्त्री जी, इस प्रस्तुति के लिये आपको एवं अर्चना जी को बहुत-बहुत बधाई आपको पढ़ना एवं सुनना दोनो ही मन को बेहद भाया ...शुभकामनाएं ।
जवाब देंहटाएंवाह, आनन्द आ गया। मैं तो अब खुद भी यही गुनगुना रहा हूँ।
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर ..बधाई
जवाब देंहटाएंमोहसिन रिक्शावाला
आज कल व्यस्त हू -- I'm so busy now a days-रिमझिम
आदरणीय शास्त्री जी आपकी कलम को सादर नमन - अर्चना जी की आवाज में सुनकर कैसा लगा फिर कभी बताऊंगा - धन्यवाद्
जवाब देंहटाएं