गम के दरिया से बाहर निकालो कदम,
राह खुशियों की आसान हो जायेगी।
रोने-धोने से होंगे न आँसू खतम,
उलझनें भारी पाषाण हो जायेगी।।
साँस को मत कुरेदो बहक जायेगी,
आग को मत कुरेदो चहक जायेगी,
भूल जाना जफा, याद करना वफा,
जिन्दगी एक वरदान हो जायेगी।
रोने-धोने से होंगे न आँसू खतम,
उलझनें भारी पाषाण हो जायेगी।।
फूल काँटों मे रहकर भी रोता नही,
दर्द सहता है, मुस्कान खोता नही,
बाँट लो प्यार और काट लो जिन्दगी,
सुख की घड़ियाँ मेहरबान हो जायेगी।
रोने-धोने से होंगे, न आँसू खतम,
उलझनें भारी पाषाण हो जायेगी।।
जिसने अमृत चखा, वो फकत देव है,
पी लिया जिसने विष, वो महादेव है,
दो कदम तुम चलो, दो कदम हम चलें,
एक दिन जान-पहचान हो जायेगी।
रोने-धोने से होंगे, न आँसू खतम,
उलझनें भारी पाषाण हो जायेगी।।
सकारात्मक संवेदनाओं वाला गीत हमें भाया।
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर भावमात्मक रचना.
जवाब देंहटाएंरामराम.
बस कदम कदम मिलाते पहचान हो जायेगी..मिलाये रहिये. बहुत उम्दा!!
जवाब देंहटाएंजिसने अमृत चखा, वो फकत देव है,
जवाब देंहटाएंपी लिया जिसने विष, वो महादेव है,
दो कदम तुम चलो, दो कदम हम चलें,
एक दिन जान-पहचान हो जायेगी।
रोने-धोने से होंगे, न आँसू खतम,
उलझनें भारी पाषाण हो जायेगी।।
bahut khoob , do kadam tum chalo....................wah. badhai sweekaren.
प्रणाम शास्त्री जी, बहुत बढ़या रचना है
जवाब देंहटाएंkuchh had tak ye bate kaam kar jayengi ,zindagi ke saath jo chal payengi .mumkin hai rah khushiyon ki aasan ho jayengi .
जवाब देंहटाएंरोने धोने से न होंगे आंसू खतम
जवाब देंहटाएंउलझने पाषाण हो जायेंगी...
वाह.......क्या बात है.
जिसने अमृत चखा, वो फकत देव है,
जवाब देंहटाएंपी लिया जिसने विष, वो महादेव है
सुन्दर रचना है शास्त्री जी...........
आपके शब्द बुलते हुवे लगते हैं
क्या बात है शास्त्री जी!!!
जवाब देंहटाएंहिम्मत और जोश बढाती एक बेहतरीन कविता
इस गीत की शुरूआत
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी है
और
सबसे प्रभावशाली पंक्तियाँ हैं ये -
जिसने अमृत चखा,
वो फकत देव है!
पी लिया जिसने विष,
वो महादेव है!
bahut hi sundar geet likha hai..........prernadayi.
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