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बुधवार, 27 सितंबर 2023
गुरुवार, 21 सितंबर 2023
दोहे "इन्तजार की ओस" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
एकल कवितापाठ का, अपना ही आनन्द। रोज़ सृजन को कीजिए, करके कमरा बन्द।१। -- कर खुद ही टिप्पणी, रोज निभाना धर्म। तब आयेगा समझ में, कविताओँ का मर्म।२। -- टिप्पणियों के ढेर से, बन जाता आधार। अपनी रचना बाँचकर, मिलते हैं उपहार।३। -- आम आदमी पिस रहा, मजे लूटता खास। मँहगाई की मार से, मेला हुआ उदास।४। -- प्रियतम भूला आपको, आप कर रहे याद। पत्थर से करना नहीं, कोई भी फरियाद।५। -- कम शब्दों के मेल से, दोहा बनता खास। सरस्वती जी का रहे, सबके उर में वास।६। -- ठगती सबको लालसा, मानव हों या देव। लालच बुरी बलाय है, इससे बचो सदैव।७। -- एक-एक कर सभी की, खोल रहे जो पोल। सही राह बतला रहे, गुणीजनों के बोल।८। -- देश खोखला कर दिया, जीना किया हराम। आम आदमी हो रहे, फोकट में बदनाम।९। -- फिर से पैदा हो गये, बाबर-औरंगजेब। जिनमें उनकी ही तरह, भरे हुए हैं ऐब।१०। -- वाणी में ही निहित हैं, सभी तरह के बोल लेकिन कड़वे बोल से, विष का बनता घोल।११। -- सम्बन्धों की आड़ में, वासनाओं का खेल। करके झूठी प्रशंसा, करते तन का मेल।१२। -- आम आदमी पिस रहा, खास हो रहे मस्त। जाली नोटों ने करी, यहाँ व्यवस्था ध्वस्त।१३। -- सामाजिक परिवेश में, आयी है अब मोच। कुछ लोगों की हो गई, कितनी गन्दी सोच।१४। -- पलकों पर ठहरी हुई. इन्तज़ार की ओस। बिना पिये जो हृदय को, कर देती मदहोश।१५। -- |
रविवार, 17 सितंबर 2023
दोहे "हमारे प्रधानमन्त्री नरेन्द्र भाई मोदी का जन्म दिन" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
-- गाँधी और पटेल ने, जहाँ लिया अवतार। मोदी का गुजरात ने, दिया हमें उपहार।। -- देवताओं से कम नहीं, होता है देवेन्द्र। सौ सालों के बाद में, पैदा हुआ नरेन्द्र।। -- साधारण परिवार का, किया चमन गुलजार। मोह छोड़ संसार का, त्याग दिया घर-बार।। -- युगों-युगों के बाद में, लेते जन्म सपूत। दयानन्द की धरा के, मोदी स्वयं सुबूत।। -- समझौता जिसको नहीं, बैरी से स्वीकार। उस मोदी के हाथ में, भारत की पतवार।। -- दामोदर नर इन्द्र से, ऊँचा माँ का भाल। अभिनन्दन जग कर रहा, ले पूजा का थाल।। -- जन्म-दिवस पर आपको, नमन हजारों बार। दीर्घ आयु की कामना, करता दोहाकार।। -- |
शनिवार, 16 सितंबर 2023
दोहे "उत्तराखण्ड के मा. मुख्यमन्त्री पुष्कर सिंह धामी का जन्मदिन"
-- प्रान्त उत्तराखण्ड का, किया जिन्होंने नाम। पुष्कर सिंह धामी तुम्हें, करता देश सलाम।। -- कैसे भी हालात हों, कभी न मानी हार। चुनौतियों को सहज ही, किया सदा स्वीकार।। -- अपने बुद्धि-विवेक से, किये अनोखे काम। देवभूमि हित के लिए, निर्णय किए तमाम।। -- सामाजिक सद्भाव का, रखा सन्तुलन भाव। पर्वत से मैदान तक, रोक दिया बिखराव।। -- जन-जन की यह आस है, रच दोगे इतिहास। इसीलिए तो आप हो, मोदी जी के खास।। -- मंगलमय जीवन रहे, सदा रहो वागीश। जन्मदिवस पर आपके, देता हूँ आशीष।। -- |
गुरुवार, 14 सितंबर 2023
दस दोहे "हिन्दी-दिवस" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
आओ हिन्दी दिवस पर, प्रण करलें हम आज। हिन्दी भाषा में हमें, करने हैं सब काज।१। -- ले जाना है विश्व में, हिन्दी का अभियान। हिन्दी से हो जगत में, भारत की पहचान।२। -- तुलसी, सूर-कबीर की, वाणी है अनमोल। देवनागरी के हमें, मीठे लगते बोल।३। -- हिन्दी भाषा का नहीं, कोई है पर्याय। सुधरे सबकी वर्तनी, ऐसे करो उपाय।४। -- सम्बोधन जिसके करें, सबको भावविभोर। लहरों में सम्बन्ध के, होता हृदय हिलोर।५। -- बिन्दी से होता सदा, माँ का अटल सुहाग। हिन्दी से अब कीजिए, प्यार और अनुराग।६। -- उर्दू का नुक़्ता बने, हिन्दी की पहचान। लिखने-पढ़ने में सरल, हिन्दी का विज्ञान।७। -- देवनागरी में रचे, वेदों के सब मन्त्र। भाषा के आधार पर, टिका हुआ जनतन्त्र।८। -- भजन-कीर्तन-आरती, सब हिन्दी में होय। तन-मन को निर्मल करे, योग-ध्यान का तोय।९। -- एक दिवस ही क्यों करें, हिन्दी का सम्मान।। प्रतिदिन होना चाहिए, हिन्दी का गुणगान।१०। -- |
बुधवार, 13 सितंबर 2023
गीत "मेरे ज्येष्ठ पुत्र नितिन का जन्मदिन" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
मित्रों! 13 सितम्बर को मेरे ज्येष्ठ पुत्र नितिन का जन्मदिन है। शुभकामनास्वरूप प्रस्तुत हैं मेरे कुछ उद्गार...! जीवन के क्रीड़ांगन में, तुम बनकर रहो विजेता। जन्मदिवस की बेला पर, आशीष तुम्हें मैं देता। -- आदर्शों की नींव हमेशा, अपने बच्चों में डालो, जैसे मैंने पाला तुमको, वैसे ही तुम भी पालो, लालन-पालन करो सभी का बनकर प्रवण-प्रणेता। जन्मदिवस की बेला पर, आशीष तुम्हें में देता।। -- जीवनसाथी के संग में तुम, वाद-विवाद न करना, आदर्शो की बेल सींचना, बनकर जल का झरना, आते-जाते ही रहते हैं, कलयुग, सतयुग-त्रेता। जन्मदिवस की बेला पर, आशीष तुम्हें मैं देता।। -- मात-पिता अभ्यागत की तुम, की सेवा करना मन से, कभी अनुज को अलग न करना, जीवनभर जीवन से, मंजिल चलकर ही मिलती है, मत बनना अभिनेता। जन्मदिवस की बेला पर, आशीष तुम्हें में देता।। -- सच्चाई के साथ हमेशा निष्ठा से तुम काम करो, लम्बा जीवन जियो, और दुनिया में अपना नाम करो, जो करता है प्यार सभी को, बनता वही चहेता। जन्मदिवस की बेला पर, आशीष तुम्हें मैं देता -- |
बुधवार, 6 सितंबर 2023
दोहे "हे मनमोहन देश में, फिर से लो अवतार" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
-- बीत गया सावन सखे, आया भादौ मास। श्री कृष्ण जन्माष्टमी, है बिल्कुल अब पास।। -- श्री कृष्ण जन्माष्टमी, मना रहा
संसार। हे मनमोहन देश में, फिर से लो
अवतार।। -- राजनीति में हो गये, सारे कौवे
हंस। बाहर से गोपाल हैं, भीतर से हैं
कंस।। -- दोपायो से आज हैं, चौपाये भयभीत। कैसे फिर मिल पायगा, दूध-दही नवनीत।। -- जब आयेंगे देश में, कृष्णचन्द्र गोपाल। आशा है गोवंश का, तब सुधरेगा हाल।। -- जल थल में क्रीड़ा करें, बालक जब नन्दलाल। नाचेंगी तब गोपियाँ, ग्वाले देंगे ताल।। -- भारत के वर्चस्व का, जिससे हो आभास। लगता वो ही ग्रन्थ तो, सबको सबसे खास।। -- फल की इच्छा मत करो, कर्म करो निष्काम। कण्टक वृक्ष खजूर पर, कभी न लगते आम।। -- वेद-पुराण-कुरान का, गीता में है सार। भगवतगीता पाठ से, होते दूर विकार। -- दो माताओं का मिले, जिसको प्यार दुलार। वो ही करता जगत में, दुष्टों का संहार।। -- |
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