दुनियादारी में पड़ करके, कुछ रीत निभाई जाती हैं,
मैंने स्वर भर-भर कर गाया, तुमको अपने सब गानों में,
झूठे वादे, मलिन इरादे, झूठा सब अपनापन था,
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प्रेम को अंधा तभी तो कहते हैं कि उसकी असलियत समय निकलने के बाद ही पता चलती है । तब तो आँखों पर परदा ही पडा रहता है ।
जवाब देंहटाएंप्रेम संसार बसाने में आजतक किसने आगा पीछा सोचा है!!
जवाब देंहटाएंdil ko chooti rachna.
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