पर्वों की शृंखला में
आप सभी को
धनतेरस,
नर्क चतुर्दशी,
दीपावली,
गोवर्धनपूजा
और
भइयादूज की
हार्दिक शुभकामनाएँ!
♥डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'♥
धनतेरस के पर्व पर, सजे हुए बाज़ार।
घर में लाओ आज कुछ, नये-नये उपहार।।
झालर-दीपों से सजें, आज सभी के गेह।
मन के नभ से आज तो, बरसे मधुरिम नेह।।
रहे हमेशा देश में, उत्सव का माहौल।
मिष्ठानों का स्वाद ले, बोलो मीठे बोल।।
सरस्वती के साथ हों, लक्ष्मी और गणेश।
तब आएगी सम्पदा, सुधरेगा परिवेश।।
उल्लू बन जाना नहीं, पाकर द्रव्य अपार।
धन-दौलत के साथ हो, मेधा का उपहार।।
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शुक्रवार, 28 अक्तूबर 2016
दोहे "धनतेरस-सजे हुए बाज़ार" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
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सुन्दर ।
जवाब देंहटाएंशुभकामनाएं ।
सरस्वती के साथ हों, लक्ष्मी और गणेश।
जवाब देंहटाएंतब आएगी सम्पदा, सुधरेगा परिवेश।।
उल्लू बन जाना नहीं, पाकर द्रव्य अपार।
धन-दौलत के साथ हो, मेधा का उपहार।।
..बहुत सुन्दर ..
धनतेरस की हार्दिक शुभकामनाएं
सही सीख. सुन्दर रचना
जवाब देंहटाएं