पल-पल रंग बदल रहा, चीन चल रहा चाल।
क्रोधित अब भारत हुआ, देख समय विकराल।।
करके शस्त्र प्रयोग को, बैरी को दो मार।
सेना को सरकार ने, दिये सभी अधिकार।।
बदला लेने के लिए, मत करना अब देर।
वीर सौनिकों चीन को, करना होगा ढेर।।
अभिमानी के मान का, मर्दन है संकल्प।
एकमात्र अब युद्ध का, बाकी बचा विकल्प।।
कूटनीति से अब नहीं, होगा कोई काम।
दुष्ट चीन का सैनिकों, करना काम तमाम।।
पवन बसन्ती चल रहा, झूम रहे हैं वीर।
वीर बाँकुरे चीन का, देंगे सीना चीर।।
बासठ का युग है नहीं, अब तो है सन बीस।
भारत के है सामने, आज चीन उन्नीस।।
सीमाओं की आज हम, देंगे बदल लकीर।
छीनी थी तो चीन ने, लेंगे वो जागीर।।
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गुरुवार, 18 जून 2020
दोहे "देंगे बदल लकीर" (डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री ‘मयंक’)
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बिना हथियार ही हम बीस हैं..... ये छोटी आँखों वाले हमारी सहिष्णुता को आँखें दिखा रहे हैं.......
जवाब देंहटाएंचीन का दमन जरूरी है
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर
सामायिक, जागरूकता और हौसला-अफजाई करते सुंदर सार्थक दोहे।
जवाब देंहटाएंपल-पल रंग बदल रहा, चीन चल रहा चाल।
जवाब देंहटाएंक्रोधित अब भारत हुआ, देख समय विकराल।।
चीन को अब सबक सिखाना चाहिए
नमस्ते, देशप्रेम से ओतप्रोत सटीक और सार्थक दोहे !
जवाब देंहटाएंबासठ का युग है नहीं, अब तो है सन बीस।
भारत के है सामने, आज चीन उन्नीस।। चीन का मान मर्दन कर उसके भरम को तोड़ने का वक्त आ गया है। --ब्रजेन्द्र नाथ