हनुमान जयन्ती की हार्दिक शुभकामनाएँ! जिनके हृदय-अलिन्द में, रचे-बसे श्रीराम। धीर-वीर, रक्षक प्रबल, बलशाली-हनुमान।।-- महासिन्धु को लाँघकर, नष्ट किये वन-बाग। असुरों को आहत किया, लंका मे दी आग।। -- कभी न टाला राम का, था जिसने आदेश। सीता माता को दिया, रघुवर का सन्देश।। -- लछमन को शक्ति लगी, शोकाकुल थे राम। पवन वेग की चाल से, पहुँचे पर्वत धाम।। -- संजीवन के शैल को, ले आये तत्काल। बूटी खा जीवित हुए, दशरथ जी के लाल।। -- बिगड़े काम बनाइए, बनकर कृपा निधान। कोटि-कोटि वन्दन तुम्हें, पवनपुत्र हनुमान।। -- |
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शनिवार, 16 अप्रैल 2022
दोहे "कोटि-कोटि वन्दन तुम्हें, पवनपुत्र हनुमान" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
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नमस्ते.....
जवाब देंहटाएंआप को बताते हुए हर्ष हो रहा है......
आप की ये रचना लिंक की गयी है......
दिनांक 17/04/2022 को.......
पांच लिंकों का आनंद पर....
आप भी अवश्य पधारें....
बहुत सुंदर।
जवाब देंहटाएंजय हनुमान ज्ञान गुण सागर !
जवाब देंहटाएंजिनके हृदय-अलिन्द में, रचे-बसे श्रीराम।
जवाब देंहटाएंधीर-वीर, रक्षक प्रबल, बलशाली-हनुमान।।
सुन्दर दोहावली गुरूजी
Bahut khub likhte hai aap pasta kaise banaye very nice post
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