-- अपने पतियों पर करें, सभी नारियाँ गर्व। करवाचौथ सुहाग का, होता पावन पर्व।। -- सजनी करवाचौथ पर, रखती है उपवास। साजन-सजनी के लिए, दिवस बहुत ये खास।। -- जन्म-जिन्दगीभर रहे, सबका अटल सुहाग। साजन-सजनी में सदा, बना रहे अनुराग।। -- जरा-जरा सी बात पर, कभी न हो तकरार। पति-पत्नी के बीच में, आये नहीं दरार।। -- प्रीति सदा बढ़ती रहे, आपस में हो प्यार। पावन करवाचौथ है, निष्ठा का त्यौहार।। -- वंश-बेल चलती रहे, हँसी-खुशी के साथ। पति-पत्नी का उमर भर, रहे सलामत साथ।। -- परम्परा बदली बहुत, बदल न पाया ढंग। अब भी पर्वों का चलन, नहीं हुआ है भंग।। -- माता करती कामना, सुखी रहे परिवार। छिने न करवाचौथ का, बहुओं से अधिकार।। -- |
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मंगलवार, 31 अक्टूबर 2023
दोहे "करवाचौथ-निष्ठा का त्यौहार" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
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