-- छिपी हुई थी अब तलक, जिनकी
भी पहचान। उन सबका सरकार ने, लिया आज
संज्ञान।1। -- योगी
धामी ने किया, बहुत बड़ा ये काम। मालिक को दूकान पर, लिखना
होगा नाम।2। -- हिन्दू देवों से अगर, इतना
ही है प्यार। फिर तो हिन्दू धर्म को, कर
लो अंगीकार।3। -- बमभोले का है यही, उन सबको
आदेश। अपने कारोबार में, रखो वही परिवेश।4। -- करो तामसी भोज का, अपना
धन्धा बन्द। खान-पान में शुद्धता, लाती है आनन्द।5। -- पथ पर पैदल चल पड़े, काँवड़
लाने वीर। हर-हर के हरद्वार में, बहता
पावन नीर।6। -- करना है हर एक को, सब
धर्मों का मान। मुस्लिम होकर किसलिए, छिपा
रहे पहचान।7। -- सच्चे मन से कीजिए, शिव-शंकर
का ध्यान। भोले-शंकर आपको, दे देंगे
वरदान।8। |
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सोमवार, 22 जुलाई 2024
दोहे "छिपा रहे पहचान" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
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