आता है शिक्षक दिवस, एक साल के बाद।
गुरुओं के सम्मान की, हमें दिलाने याद।।
सर्वपल्ली को आज हम, करते नमन हजार।
जिसने शिक्षक दिन दिया, भारत को उपहार।।
धन्य हुए गुरुजन सभी, पाकर यह सौगात।
आओ सब मिल कर करें, अध्यापक की बात।।
जो कहलाता था कभी, प्रभु से अधिक महान।
घटा आज क्यों देश में, शिक्षक का सम्मान।।
अध्यापकदिन पर सभी, गुरुवर करें विचार।
बन्द करें अपने यहाँ, ट्यूशन का व्यापार।।
छात्र और शिक्षक अगर, सुधर जाएँगे आज।
तो फिर से हो जाएगा, उन्नत देश-समाज।।
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शुक्रवार, 5 सितंबर 2014
"शिक्षक दिवस-कुछ दोहे" (डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
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शिक्षा का व्यावसायीकरण हो चूका है जिसके कारण आज शिक्षक की वो महता नहीं रही जो कभी हुआ करती थी !!
जवाब देंहटाएंशिक्षक दिवस पर सुंदर दोहे..
जवाब देंहटाएंसटीक समसामयिक दोहे !
जवाब देंहटाएंसुंदर दोहे.
जवाब देंहटाएंसुंदर दोहे ।
जवाब देंहटाएंछात्र और शिक्षक अगर, सुधर जाएँगे आज।
जवाब देंहटाएंतो फिर से हो जाएगा, उन्नत देश-समाज।।
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शिक्षक दिवस पर बहुत बढ़िया प्रेरक प्रस्तुति
शिक्षक दिवस की हार्दिक मंगलकामनाएं!
बहुत सुन्दर दोहे. बधाई.
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर ...शिक्षक दिवस की शुभकामनाएं
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर दोहे...
जवाब देंहटाएंअति सुन्दर दोहे ,शिक्षक दिवस की शुभकामनाएं
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर दोहे !! आप हमारे ब्लॉग में आये और हमारी छोटी सी कोशिश को सराहा इसके लिए आपको बहुत बहुत हार्दिक धन्यवाद और शिक्षक दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं!!
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