मना रहे थे
लोग जब, होली का त्यौहार।
पौत्र रत्न
के रूप में, मुझे मिला उपहार।।
--
जन्मदिवस पर
पौत्र को, देता हूँ आशीष।
पढ़-लिखकर
बन जाइए, वाणी के वागीष।।
--
कुलदीपक के
साथ में, बँधी हुई ये आस।
कभी नहीं
तुम तोड़ना, अपनों का विसवास।।
--
सारे जग में
देश का, रौशन करना नाम।
नयी सोच के
साथ में, करना अच्छे काम।।
--
कठिन राह को
देखकर, नहीं मानना हार।
दीर्घ आयु
की कामना, करता है परिवार।।
--
आगे बढ़ने
के लिए, रखो इरादे नेक।
उन्नति के
खुल जायगें, पथ में द्वार अनेक।।
--
दीन-दुखी
असहाय का, रखना हरदम ध्यान।
देते हैं
श्रमशील को, ज्ञान सदा इंसान।।
--
गुरू और
माता-पिता, आदर के हैं योग्य।
जिन पर इनकी
हो कृपा, वो ही बने सुयोग्य।।
|
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शनिवार, 4 मार्च 2017
दोहे "5 मार्च मेरे पौत्र प्रांजल का जन्मदिन"
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उनको मेरे तरफ से जन्म दिन की बधाई।
जवाब देंहटाएंलेख अच्छा है।
आपके पौत्र को जन्मदिन की बधाई
जवाब देंहटाएंजन्मदिन पर प्रांजल को ढेर सारी शुभकामनाएं।
जवाब देंहटाएंप्रांजल को जन्मदिन पर हार्दिक शुभकामनाएं!
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर। प्रांजल को जन्मदिन की ढेरों शुभकामनाएं।
जवाब देंहटाएंजन्मदिन मुबारक हो। हम प्रांजल के सुंदर,स्वस्थ,सुखद,समृद्ध उज्ज्वल भविष्य एवं दीर्घायुष्य की मंगलकामना करते हैं।
जवाब देंहटाएंआपकी आशीर्वाद कविता वास्तव में प्रेरणादाई है।
जन्मदिन मुबारक हो प्रांजल !
जवाब देंहटाएंआशीर्वाद स्वरूप ,सुन्दर, उज्जवल भविष्य की कामना के साथ की गयी यह रचना अनमोल तोहफा है।आपको मुबारक हो प्रांजल ।
बहुत ही सुन्दर रचना।
वाह!
http://eknayisochblog.blogspot.in
बेटे प्रांजल को जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं, शुभाशीष
जवाब देंहटाएंbahut bahut mubarak bete ko jnmdin
जवाब देंहटाएंजन्मदिन मुबारक
जवाब देंहटाएं