काले-काले आये बादल।
आसमान में छाये बादल।।
छाया है घनघोर अँध्रेरा,
सूरज को बादल ने घेरा,
पानी भरकर लाये बादल।
आसमान में छाये बादल।।
बिजली चमकी चम-चम, चम-चम,
बरसी बूँदें छम-छम, छम-छम,
सबके मन को भाये बादल।
आसमान में छाये बादल।।
जग को जीवन देने वाले,
बादल होते हैं मतवाले,
बारिश लाते काले बादल।
मन भरमाते काले बादल।।
जब गरमी ज्यादा बढ़ जाती।
लू तन-मन को तब झुलसाती।
फिर गहराते काले बादल।
मन भरमाते काले बादल।।
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मंगलवार, 21 अप्रैल 2020
बालगीत "आसमान में छाये बादल" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
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बहुत सुंदर रचना, आदरणीय शास्त्री जी।
जवाब देंहटाएंवाह ! बहुत ही सुन्दर सरस बाल गीत ! बारिश के आनंद की अनुभूति सी होने लगी !
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर बालगीत ,सादर नमस्कार सर
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