समता
और समानता, था जिनका अभियान।
जननायक
थे देश के, बाबा भीम महान।।
धन्य-धन्य
अम्बेडकर, धन्य आपके काज।
दलितों
वर्ग से आपने, जोड़ा सर्वसमाज।।
दिया
हमें कानून का, खिला हुआ बागान।
भीमराव
अम्बेदकर, थे भारत की शान।।
समावेश
करके सभी, देशों का मजमून।
हितकारी
सबके लिए, लिखा सही कानून।।
एक
वर्ग करने लगा, बाबा का उपभोग।
राजनीति
करने लगे, बाबा जी पर लोग।।
था जिनके
मन में बसा, सारा हिन्दुस्तान।
उस भारत के भीम के, धूमिल हैं अरमान।।
बाबा जी का जन्मदिन, देता है सन्देश।
समता का इस देश में, बना रहे परिवेश।।
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सोमवार, 13 अप्रैल 2020
दोहे "अम्बेदकर जी का जन्मदिन" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
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सादर नमस्कार ,
जवाब देंहटाएंआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल मंगलवार (14-4-2020 ) को " इस बरस बैसाखी सूनी " (चर्चा अंक 3671) पर भी होगी,
आप भी सादर आमंत्रित हैं।
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कामिनी सिन्हा
बहुत बढ़िया
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