अपने भारत देश में, जन्मा वीर सुभास।। -- जीवित मृत घोषित किया, सबको हुआ मलाल। सत्ता पाने के लिए, चली गयी थी चाल।। -- क्यों इतने भयभीत हैं, शासन में अधिराज। नहीं उजागर हो सका, नेता जी का राज।। -- इस साजिश पर हो रहा, सबको पश्चाताप। नेता जी को दे दिये, जीते जी सन्ताप।। -- सच्चाई से आज भी, क्यों इतना परहेज। अब तो जग जाहिर करो, सारे दस्तावेज।। -- जिसके कारण है हुआ, यह उपवन आजाद। उस नेता की आ रही, अब जन-गण को याद।। -- अर्पित श्रद्धा के सुमन, तुमको करता देश। अब भी वीर सुभाष के, गूँज रहे सन्देश।। -- |
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शनिवार, 23 जनवरी 2021
दोहे "अब भी वीर सुभाष के, गूँज रहे सन्देश" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
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नेता जी सुभाष चन्द्र बोस के जन्म दिन की
जवाब देंहटाएंहार्दिक शुभकामनाएं आपको भी आदरणीय शास्त्री जी 🙏
अर्पित श्रद्धा के सुमन, तुमको करता देश।
अब भी वीर सुभाष के, गूँज रहे सन्देश।।
सचमुच नेता जी सुभाषचंद्र बोस सदैव.हमारे दिलों में जीवित रहेंगे।
बहुत सुंदर दोहे... साधुवाद 🙏
सादर,
डॉ. वर्षा सिंह
बहुत उम्दा
जवाब देंहटाएंएअनोखी शख्सियत को नमन क अनोखी शख्सियत
जवाब देंहटाएंअनोखी शख्सियत को नमन
जवाब देंहटाएंनेताजी को शत शत नमन
जवाब देंहटाएंनमन है मां भारती के महान सपूत को।
जवाब देंहटाएंसुंदर प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर दोहे.. नेता सुभाषचंद्र बोस जी को शत् शत् नमन
जवाब देंहटाएं