11 फरवरी प्रॉमिज-डे
(प्रतिज्ञा दिवस) -- प्रण
करने का बन गया, आज सुखद संयोग। सदा
प्रतिज्ञा में बँधो, होगा नहीं वियोग।। -- सोच-समझ
कर बोलिए, वाणी है अनमोल। अपने
वचनों को सदा, तोल-तोल कर बोल।। -- हाड़-माँस
की जीभ को, कभी न देना छूट। रसना
ही तो डालती, सम्बन्धों में फूट।। -- प्रण
करने के पर्व पर, देना मत सन्ताप। चमक-दमक
की भीड़ में, बिछड़ न जाना आप।। -- बेमन
से देना नहीं, वचन किसी को मित्र। जिसमें
तुम रँग भर सको, वही बनाना चित्र।। -- मिला
कनिष्ठा अंगुली, प्रण कर लेना आज। खींचातानी
में नहीं, चलते रस्म-रिवाज।। -- जीवनभर
की प्रीत का, सिमट रहा आधार। रासरंग
के ही लिए, उमड़ रहा अब प्यार।। -- |
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रविवार, 11 फ़रवरी 2024
दोहे "प्रण कर लेना आज" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
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