19 सितम्बर, 2024 पितृ पक्ष की द्वितीया को मेरे पूज्य पिता श्री घासीराम आर्य के दसवें वार्षिक श्राद्ध के अवसर पर मेरे मन के उदगार श्रद्धा भाव से करूँगा आज श्राद्ध को, मेरे पूज्य पिता श्री आपको नमन है। जीवन भर आपने जो प्यार और दुलार दिया, मन की गहराइयों से आपको नमन है। कभी भी अभाव का आभास नहीं होने दिया, कर्म के पुजारी ऐसे तात को नमन है। रहे नहीं भाग्य के भरोसे आप जन्मभर, ऐसे खिलने वाले पारिजात को नमन है। -- आपके ही पथ का पथिक है सुत आपका, दिव्य-आत्मा प्रकाश पुंज को प्रणाम है। देव के समान सुख बाँटते रहे जो सदा, ऐसे पालनहार को तो कोटिशः प्रणाम है। जीने के जगत में सिखाये ढंग आपने, ईश के समान मेरे देव को प्रणाम है। मार्ग सुख सम्पदा के मुझको बताये सभी, ऐसी मातृभूमि और पिताजी को प्रणाम है। -- |
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गुरुवार, 19 सितंबर 2024
कवित्त "मेरे पूज्य पिता श्री घासीराम आर्य का दसवाँ वार्षिक श्राद्ध" (डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
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