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रविवार, 9 जनवरी 2011
लोकार्पण समारोह एवं ब्लॉगर्स मीट सम्पन्न
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हार्दिक बधाई, शास्त्री जी!
जवाब देंहटाएंकुछ अपरिहार्य कारणों के चलते न आ सका. लेकिन बहुत अच्छा लगा.. और अभी मिसफिट पर इसका टेलीकास्ट भी देखा, अच्छा लगा...
जवाब देंहटाएंशास्त्री जी,
जवाब देंहटाएंदेवभूमि पर इतने गरिमामयी, सार्थक आयोजन और दो पुस्तकों के विमोचन के लिए आपको बहुत-बहुत बधाई...आपने फोन पर इतने प्रेम से निमंत्रण दिया था लेकिन अति आवश्यक कार्य की वजह से मेरा आना संभव
नहीं हो सका...लेकिन उसकी कसक अविनाश वाचस्पति जी और गिरीश बिल्लोरे भाई ने लाइव प्रसारण से पूरी कर दी...मैंने कार्यक्रम के दौरान ही अविनाश जी से फोन पर बात की थी और सभी उपस्थित ब्लॉगरजन तक अपनी शुभकामनाएं पहुंचाने का आग्रह किया था..
कल के कार्यक्रम का इंतज़ार...
जय हिंद...
अरे ये कार्यक्रम तो आज तक ही था...गलती से ऊपर कल का इंतज़ार लिख गया...
जवाब देंहटाएंजय हिंद...
हिन्दी ब्लॉग के विस्तार व हिन्दी साहित्य के संवर्धन हेतु इन आयोजनों का बड़ा महत्व रहेगा। उत्साहवर्धक प्रयत्न।
जवाब देंहटाएंaaj is aayojan ka pura vrataant padh kar mano aisa laga jaise ham bhi vahi shrotaaon me kahin upasthit the.
जवाब देंहटाएंShastri ji aapko apki pustakon ke vimochan ke liye bahut bahut badhayi.
aapka program ummeed karti hun bahut rochak, aanadpoorn aur safal raha hoga.
ek bar puneh is aayojan ki bahut bahut badhayi.
बहुत सुंदर शास्त्री जी आप को इस आयोजन की सफ़लता की बहुत बहुत बधाई, अगर पास होते तो जरुर आते जी, धन्यवाद
जवाब देंहटाएंआयोजन के लिए बधाई!
जवाब देंहटाएंऐसे ही ब्लागरों को बुलाते रहें, कभी हम भी आ टपकेंगे।
इस सफ़ल आयोजन की बहुत बहुत बधाई!!!
जवाब देंहटाएंशास्त्री जी, आपको पुस्तकों के प्रकाशन और लोकार्पण के लिए बधाई।
जवाब देंहटाएंखटीमा ब्लॉगर मिलन और पुस्तक विमोचन समारोह की स्मृतियाँ अक्षय रहेंगी... आप सब का सानिध्य अत्यंत सुखद रहा... फुरसत का समय कम मिलने के कारण वरिष्ठ ब्लॉगर्स और साहित्यकारों के साथ बैठने का मलाल ज़रूर है... आशा शैली जी, प्रसून जी, अशरफ जी, अविनाश मिश्र जी,आनंद गोपाल बिष्ट जी और रवीन्द्र प्रभात जी से मिलना अविस्मरणीय है. कार्यक्रम का अंतर्जाल से जीवंत प्रसारण अपने आप में हिंदी ब्लोगिंग का पहला और अनुपम प्रयोग था...
जवाब देंहटाएंआप सब का सानिध्य अविस्मरणीय है... नमन
इस सफ़ल आयोजन के लिए बहुत बहुत बधाई!!
जवाब देंहटाएंshastriji,
जवाब देंहटाएंbahut-bahut badhai!
हार्दिक बधाई, शास्त्री जी
जवाब देंहटाएंआप सब से मिलकर बहुत अच्छा लगा...जल्द ही फिर से दोबारा मुलाक़ात होगी
जवाब देंहटाएंआदरणीय शास्त्री जी के सानिध्य सुख के अनुभव के पश्चात आज सुबह सकुशल लखनऊ पहुँच गया, उनकी विनम्रता, कार्यकुशलता और सहृदयता का कायल हो गया हूँ मैं, आभार !
जवाब देंहटाएंविष्णुक्रान्ता के ताज़े फूलों की तरह तरोताजा रहा शुरू से आखिर तक लोकार्पण और ब्लोगर मिलन समारोह, कुंद सी सुगन्धित रही पूरी गतिविधियाँ ! एक नया एहसास दे गयी खटीमा यात्रा, यह कार्यक्रम निश्चित रूप से इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गया है, अविनाश जी, राजीव तनेजा जी, पवन चन्दन जी, पद्म सिंह जी, सुमन जी, पाण्डेय जी , सिद्धेश्वर सिंह जी , रावेन्द्र रवि जी, आशा शैली जी और अन्य श्रद्धेय जनों से मेरी मुलाक़ात अविस्मरनीय रही !
इस कार्यक्रम को जिबंतता प्रदान करने हेतु गिरीश बिल्लोरे मुकुल जी की जीतनी भी प्रशंसा की जाए कम होगी !
नि:संदेह गिरीश जी और अविनाश जी इस समारोह में तकनीकी की नयी मिसाल कायम की है, इन्हें कोटिश: शुभकामनाएं !
जवाब देंहटाएंमैं तो ब्लॉगजगत का नन्हा ब्लोगर हूँ , किन्तु अपने को पहली बार इस समारोह में आदरणीय रवीन्द्र प्रभात जी जैसे व्यक्तित्व के आकर्षण में विल्कुल वेसुद्ध खोया हुआ पाया !
रवीन्द्र जी के बारे में जितना सुना था उससे कहीं ज्यादा विनम्र, सहृदय, आत्मीय, मृदुभाषी और आदर्श व्यक्तित्व के धनी हैं वे ! कार्यक्रम के दौरान जिसप्रकार हिंदी भाषा और साहित्य के विकास में ब्लोगिंग की भूमिका विषय पर उन्होंने लगभग आधे घंटे बोला और वहां बैठे श्रोता मंत्रमुग्ध होकर सुन रहे थे सबकी जुबान से बस यही फूट रहा था कि यार हिंदी ब्लोगिंग में ऐसे भी लोग हैं, विल्कुल इनसाक्लोपीडिया !
मेरी तो ब्लोगिंग सार्थक हो गयी आदरणीय रवीन्द्र प्रभात जी, अविनाश जी, सुमन जी, राजीव तनेजा जी, पद्म सिंह जी, केवल राम जी, शास्त्री जी जैसे प्रबुद्ध ब्लोगरों के सानिध्य का सुख पाकर !
आयोजन की सफलता के लिए बहुत बधाई ...!
जवाब देंहटाएंसचमुच, यह सब अविस्मरणीय था!
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